इस अध्याय के आधार पर नियोक्ताओं और श्रमिकों के पक्षों का संक्षिप्त विवरण दें।

इस अध्याय के आधार पर नियोक्ताओं और श्रमिकों के पक्षों का संक्षिप्त विवरण दें।

वर्तमान समय में भारत में बहस है कि क्या कम्पनियों को रोजगार नीतियों के मुद्दे पर लचीलापन अपनाना चाहिए।

उत्तर: वर्तमान समय में भारत में बहस है कि क्या कम्पनियों को रोजगार नीतियों के मुद्दे पर लचीलापन अपनाना चाहिए। इस अध्याय के आधार पर नियोक्ताओं और श्रमिकों का पक्ष निम्नलिखित प्रकार से है-

1. नियोक्ताओं का पक्ष अधिकांश नियोक्ता श्रमिकों को अस्थायी रूप से काम पर लगाना पसन्द करते हैं। इसका अर्थ है कि श्रमिकों का रोजगार अब सुरक्षित नहीं है। नियोक्ता विश्व स्तर पर बढ़ रही प्रतिस्पर्धा के कारण अपनी लागतों को कम करने का भरपूर प्रयास करते हैं। वे श्रमिकों को अस्थायी रूप से रोजगार पर लगाना चाहते हैं जिससे कि उन्हें श्रमिकों को पूरे वर्ष की मजदूरी का भुगतान न करना पड़े।

2. श्रमिकों का पक्ष-वैश्वीकरण व प्रतिस्पर्धा के दबाव ने श्रमिकों के जीवन को बहुत अधिक प्रभावित किया है। श्रमिक रोजगार की लचीली नीतियों के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि इन लचीली नीतियों के कारण उनका रोजगार अब सुनिश्चित नहीं रह गया है। उन्हें वर्षभर काम नहीं मिलता है तथा कम मजदूरी पर अधिक समय काम करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त उन्हें वैश्वीकरण के कारण मिले लाभ में भी उचित हिस्सा नहीं दिया गया है।

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