“जब हम वस्तुएँ खरीदते हैं तो पाते हैं कि कभी-कभी पैकेट पर छपे मूल्य से अधिक या कम मूल्य लिया जाता है।”
“जब हम वस्तुएँ खरीदते हैं तो पाते हैं कि कभी-कभी पैकेट पर छपे मूल्य से अधिक या कम मूल्य लिया जाता है।”
इसके सम्भावित कारणों पर बात करें। क्या उपभोक्ता समूह इस मामले में कुछ कर सकते हैं ? चर्चा करें।
उत्तर: जब हम वस्तुएँ खरीदते हैं तो पाते हैं कि कभी-कभी पैकेट पर छपे मूल्य से अधिक या कम मूल्य लिया जाता है। इसके सम्भावित कारण निम्नलिखित हैं:
1. उपभोक्ता की अशिक्षा, अज्ञानता अथवा उदासीनता।
2. जब पूर्ति की अपेक्षा वस्तु की माँग अधिक होती है तो विक्रेता इस बात का फायदा उठाकर उपभोक्ताओं से अधिक मूल्य वसूल करके अपने लाभ को अधिकतम करना चाहते हैं।
3. विक्रेता द्वारा निर्धारित कीमत से कम कीमत पर वस्तुएँ बेचने पर हो सकता है कि वह नकली वस्तुएँ बेच रहा हो। इस अवस्था में उपभोक्ता समूहों को विक्रेताओं पर अधिकतम खुदरा मूल्य से कम मूल्य रखने के लिए दबाव डालना चाहिए। इसके अतिरिक्त उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय अथवा पुलिस की मदद भी ली जा सकती है।
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