वस्त्र उद्योग के श्रमिकों, भारतीय निर्यातकों और विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को प्रतिस्पर्धा ने किस प्रकार प्रभावित किया है?

वस्त्र उद्योग के श्रमिकों, भारतीय निर्यातकों और विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को प्रतिस्पर्धा ने किस प्रकार प्रभावित किया है?

उत्तर: वस्त्र उद्योग के श्रमिकों, भारतीय निर्यातकों और विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को प्रतिस्पर्धा ने निम्नलिखित रूप से प्रभावित किया है-

* वस्त्र उद्योग के श्रमिकों पर प्रभाव

1. श्रमिकों का रोजगार अब सुनिश्चित नहीं है। वे अब अस्थायी रूप से काम करते हैं।

2. श्रमिकों की मजदूरी कम हो गई है।

3. श्रमिकों को अधिक घण्टे काम करना पड़ता है।

4. वस्त्रों की अत्यधिक माँग की स्थिति में उन्हें नियमित रूप से रात में भी काम करना पड़ता है।

5. वस्त्र व्यवसायियों को मिलने वाले लाभ में उन्हें न्यायसंगत हिस्सा नहीं मिल पाता है।

* भारतीय निर्यातकों पर प्रभाव:

1. उन्हें बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से उत्पादन आदेश प्राप्त हो रहे हैं।

2. उन्हें अपने वस्त्रों की उत्पादन लागतों को कम करने का प्रयास करना पड़ रहा है।

3. वे श्रम लागतों को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।

4. वे अपने कारखानों में श्रमिकों को अस्थायी रूप से काम पर लगा रहे हैं, ताकि उन्हें वर्ष-भर श्रमिकों को

वेतन नहीं देना पड़े।

* विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों पर प्रभाव:

1. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ अपने लाभ को अधिकतम करने के लिए सबसे सस्ती वस्तुओं की तलाश करती हैं।

2. वस्त्र निर्यातकों के मध्य प्रतिस्पर्धा से बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को बहुत अधिक लाभ प्राप्त हुआ है।

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