विकास में ऋण की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।
विकास में ऋण की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।
अथवा
“सस्ता और सामर्थ्य के अनुकूल कर्ज देश के विकास के लिए अति आवश्यक है।” इस कथन का आकलन कीजिए।
अथवा
ऋण का क्या महत्त्व है?
उत्तर: किसी भी देश के विकास में ऋण की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। व्यक्ति और राष्ट्र दोनों को विभिन्न आर्थिक क्रियाओं के लिए ऋणों की आवश्यकता होती है। ऋण उद्योगों के स्वामियों को उत्पादन के कार्यशील खर्चों एवं समय पर उत्पादन पूरा करने में सहायता प्रदान करता है। इससे उनकी आय में वृद्धि होती है। अनेक लोग विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओं; जैसे कृषि, व्यवसाय, लघु उद्योगों की स्थापना अथवा वस्तुओं का व्यापार आदि करने के लिए ऋण लेते हैं। इस प्रकार सस्ता और सामर्थ्य के अनुकूल ऋण किसी भी देश के विकास में अति लाभदायक सिद्ध होता है।
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