असंगठित क्षेत्रक के श्रमिकों को निम्नलिखित मुद्दों पर संरक्षण की आवश्यकता है-मजदूरी, सुरक्षा और स्वास्थ्य। उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
असंगठित क्षेत्रक के श्रमिकों को निम्नलिखित मुद्दों पर संरक्षण की आवश्यकता है-मजदूरी, सुरक्षा और स्वास्थ्य। उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर: निःसन्देह असंगठित क्षेत्रक के श्रमिकों को मजदूरी, सुरक्षा व स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर संरक्षण की आवश्यकता है।
1. मजदूरी: असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों को बहुत कम मजदूरी दी जाती है। उनका प्रायः शोषण किया जाता है। उन्हें दैनिक मजदूरी के अतिरिक्त कोई भत्ता नहीं दिया जाता है। न ही उनको वार्षिक वेतन वृद्धि दी जाती है। इसके समाधान हेतु राज्य व केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के समान मजदूरी दी जानी चाहिए एवं मजदूरी के अतिरिक्त उन्हें अन्य भत्ते; जैसेपरिवहन, शिक्षा, चिकित्सा एवं आवास भी दिये जाने चाहिए। उनकी मजदूरी में वार्षिक वेतन वृद्धि भी की जानी चाहिए।
2. सुरक्षा: असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों को रोजगार की सुरक्षा नहीं होती है, उन्हें अकारण किसी भी समय काम छोड़ने के लिए कहा जा सकता है। इस क्षेत्रक में श्रमिक सामान्यतः ईंट, खदान, पटाखे जैसे अति जोखिम भरे उद्योगों में काम करते हैं इसलिए उन्हें सुरक्षा की अति आवश्यकता होती है। सभी श्रमिकों को रोजगार की सुरक्षा होनी चाहिए। कोई भी नियोक्ता उन्हें मनमाने रूप से नौकरी से बाहर न कर सके।
नौकरी से निकालने की प्रक्रिया नियमानुसार होनी चाहिए तथा श्रमिकों को इसके लिए उचित क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिए। कारखानों के अन्दर काम करते समय अथवा काम पर आते और काम समाप्त करके घर लौटते समय होने वाली किसी भी दुर्घटना के लिए उन्हें क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिए जैसा कि राज्य एवं केन्द्र सरकार करती है।
3. स्वास्थ्य: असंगठित क्षेत्रक के श्रमिक कम मजदूरी की प्राप्ति के कारण पौष्टिक भोजन नहीं ले पाते हैं परिणामस्वरूप उनकी स्वास्थ्य स्थिति बहुत कमजोर होती है। अतः उन्हें संरक्षण की आवश्यकता है। इस हेतु सभी श्रमिकों व कर्मचारियों को सेवाकाल के दौरान एवं सेवानिवृत्ति के पश्चात् स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध होनी चाहिए; जैसे-शिक्षकों, डॉक्टरों, लिपिकों आदि की सेवा सुविधाएँ, चिकित्सा सुविधाएँ आदि।
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