अहमदाबाद में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नगर के 15,00,000 श्रमिकों में से 11,00,000 श्रमिक असंगठित क्षेत्रक में काम करते थे।
अहमदाबाद में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नगर के 15,00,000 श्रमिकों में से 11,00,000 श्रमिक असंगठित क्षेत्रक में काम करते थे।
वर्ष 1997-98 में नगर की कुल आय 600 करोड़ थी। इसमें से 320 करोड़ रुपये संगठित क्षेत्रक से प्राप्त होती थी। इस आँकड़े को तालिका में प्रदर्शित कीजिए। नगर में और अधिक रोजगार सृजन के लिए किन तरीकों पर विचार किया जाना चाहिए।
उत्तर: तालिका: 1997-98 में अहमदाबाद में संगठित और असंगठित क्षेत्रकों में आय एवं रोजगार
अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक | श्रमिकों की संख्या | आय (करोड़ रुपये में) |
संगठित | 4,00,000 | 320 |
असंगठित | 11,00,000 | 280 |
कुल | 15,00,000 | 600 |
उपरोक्त तालिका से प्रदर्शित होता है कि अधिकांश श्रमिक (11,00,000) असंगठित क्षेत्रक में कार्य करते हैं, जिनके द्वारा अर्जित आय केवल 280 करोड़ रुपये है। जबकि 4,00,000 श्रमिक संगठित क्षेत्रक में कार्य करते हैं, जिनके द्वारा 320 करोड़ रुपये आय के रूप में प्राप्त किये जाते हैं जो कि असंगठित क्षेत्रक की आय से अधिक है। नगर में और अधिक रोजगार सृजन के लिए निम्नलिखित तरीकों पर विचार किया जाना चाहिए:
1. सरकार द्वारा लघु एवं कुटीर उद्योगों के अतिरिक्त कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए,
2. सरकार को कम ब्याज दरों के साथ-साथ आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराना चाहिए जिससे लोग अपना व्यवसाय प्रारम्भ कर सकें,
3. उत्पादन के क्षेत्र में पूँजी गहन तकनीकों के स्थान पर श्रम गहन तकनीकों को अपनाया जाना चाहिए इससे निश्चय ही रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न होंगे,
4. प्रत्येक क्षेत्र में निर्माण को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। सड़क, पुल, सम्पर्क मार्ग, विद्यालय भवन, आवासीय बस्तियों के निर्माण, व्यावसायिक भवनों के निर्माण एवं अस्पताल निर्माण आदि. पर निवेश किया जाना चाहिए,
5. तृतीयक क्षेत्रक का पर्याप्त मात्रा में विकास किया जाना चाहिए। बैंक, बीमा, डाकघर, परिवहन, संचार, स्वास्थ्य, चिकित्सा, शैक्षणिक सेवाएँ एवं सार्वजनिक पार्क, बाजार व मनोरंजन केन्द्र आदि की पर्याप्त मात्रा में स्थापना की जानी चाहिए।
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