पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृत भाषा में बोलना क्या उनके अनपढ़ होने का सबूत है-पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृत भाषा में बोलना क्या उनके अनपढ़ होने का सबूत है-पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न. पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृत भाषा में बोलना क्या उनके अनपढ़ होने का सबूत है-पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृत भाषा में बोलना उनके अनपढ़ होने का सबूत नहीं है। उस समय आम बोलचाल और पढ़ने-लिखने की भाषा प्राकृत थी। जिस प्रकार आज हम हिंदी, बाँग्ला, मराठी आदि भाषाओं का प्रयोग बोलने, पढ़ने व लिखने के लिए करके स्वयं को पढ़ा-लिखा, सुसभ्य और सुसंस्कृत बताते हैं; उसी प्रकार प्राचीन समय में प्राकृत भाषा का विशेष महत्व था। हमारा प्राचीन साहित्य स्पष्ट प्राकृत भाषा में है और उसी साहित्य से हमें तत्कालीन समाज का वर्णन मिलता है। इसलिए हम प्राकृत भाषा में बोलने वाली स्त्रियों को अनपढ़ नहीं कह सकते।

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