मन्नू भंडारी की ऐसी कौन-सी खुशी थी जो 15 अगस्त, 1947 की खुशी में समाकर रह गई ?
मन्नू भंडारी की ऐसी कौन-सी खुशी थी जो 15 अगस्त, 1947 की खुशी में समाकर रह गई ?
प्रश्न. मन्नू भंडारी की ऐसी कौन-सी खुशी थी जो 15 अगस्त, 1947 की खुशी में समाकर रह गई ?
उत्तर- मई 1947 में अध्यापक शीला अग्रवाल को कॉलेज से निकाल दिया गया था। उन पर यह आरोप था कि वे कॉलेज की लड़कियों में अनुशासनहीनता फैला रही थी। लेखिका के साथ दो और लडकियों को ‘थर्ड इयर’ में दाखिला नहीं दिया गया। कॉलेज में इस बात को लेकर खूब शोर-शराबा हुआ। जीत लड़कियों की हुई. परंतु इस जीत की खुशी से भी ज्यादा एक और खुशी प्रतीक्षा में थी। वह उस शताब्दी की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। उस समय भारत 15 अगस्त, सन 1947 को आजाद हुआ था।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
-
Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- BPSC Notes ————– Click Here