मैं अक्सर दूसरे धर्म के लोगों के बारे में चुटकुले सुनाता हूँ। क्या इससे मैं भी साम्प्रदायिक बन जाता हूँ?
मैं अक्सर दूसरे धर्म के लोगों के बारे में चुटकुले सुनाता हूँ। क्या इससे मैं भी साम्प्रदायिक बन जाता हूँ?
उत्तर: हमारे देश में विभिन्न जाति और धर्म के लोग रहते हैं, किसी भी धर्म के बारे में हास्यास्पद चुटकुले सुनाना उचित नहीं है। इससे उस धर्म के मानने वाले लोगों की भावना को ठेस पहुँचेगी, इससे साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।
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