वह कौन-सी घटना थी जिसके बारे में सुनने पर लेखिका को न अपनी आँखों पर विश्वास हो पाया और न अपने कानों पर?

वह कौन-सी घटना थी जिसके बारे में सुनने पर लेखिका को न अपनी आँखों पर विश्वास हो पाया और न अपने कानों पर?

प्रश्न. वह कौन-सी घटना थी जिसके बारे में सुनने पर लेखिका को न अपनी आँखों पर विश्वास हो पाया और न अपने कानों पर?

उत्तर- लेखिका जिस कॉलेज में पढ़ती थी, पिताजी के नाम उस कॉलेज के प्रिंसिपल का पत्र आया था। उसमें पिता जी से पूछा था कि लेखिका पर अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की जाए? इसके लिए पिताजी को कॉलेज बुलाया गया था। उस पत्र को पढ़कर पिताजी आग लेखिका ने उनके नाम पर दाग लगा दिया है। वे लेखिका पर उबलते हुए कॉलेज पहँचे। उनके जाने के बाद लेखिका पड़ोस में जाकर बैठ गई, जिससे वह लौटने पर पिता के क्रोध से बच सके। परंतु जब वे कॉलेज से लौटे, तो बहुत प्रसन्न थे; चेहरा गर्व से चमक रहा था।

वे घर आकर बोले कि कॉलेज की लड़कियों पर उसका बहुत रौब है। पूरा कॉलेज तीन लड़कियों के इशारे पर खाली हो जाता है। प्रिंसिपल के लिए कॉलेज चलाना असंभव हो रहा है। पिताजी को उस पर गर्व है क्योंकि वह देश की पुकार के समय देश के साथ चल रही है, इसलिए उसे रोकना असंभव है। यह सब सुनकर लेखिका को न अपनी आँखों पर विश्वास हुआ था, न ही अपने कानों पर; परंतु यह वास्तविकता थी।

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