सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?

सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?

प्रश्न. सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?

उत्तर- चश्मेवाला सेनानी नहीं था और न ही वह नेताजी की फ़ौज में था; फिर भी लोग उसे कैप्टन कहकर बुलाते थे। इसका कारण यह रहा होगा कि चश्मेवाले में देशभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी हुई थी। वह अपनी शक्ति के अनुसार देश के निर्माण में पूरा योगदान देता था। कैप्टन के कस्बे में चौराहे पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति लगी हुई थी। मूर्तिकार उस मूर्ति का चश्मा बनाना भूल गया था। कैप्टन ने जब यह देखा, तो उसे बहुत दुख हुआ। उसके मन में देश के नेताओं के प्रति सम्मान और आदर था। इसलिए वह जब तक जीवित रहा, उसने नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाकर रखा। उसकी इसी भावना के कारण लोग उसे कैप्टन कहकर बुलाते थे।

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