Ancient History Notes in Hindi
Ancient History Notes in Hindi
Ancient History Notes in Hindi
देवपाल समय 810 ई. से 850 ई. तक
* धर्मपाल के बाद उसका पुत्र देव पाल शासक बना.
* कन्नौज के लिए हुए संघर्ष में इसने गुर्जर प्रतिहार शासक भोज को पराजित किया.
* प्रसिद्ध अरब यात्री सुलेमान इसी के समय में भारत आया था.
* सुलेमान ने गुर्जर प्रतिहार एवं राष्ट्रकूटो से अधिक शक्तिशाली देवपाल को बताया है.
* देवपाल के ही समय जावा (इंडोनेशिया) शैलेंद्र वंशीय बल पुत्र देव ने नालंदा में एक बौद्ध विहार बनवाने का आग्रह किया.
* देवपाल ने उसे बौद्ध विहार (नालंदा) बनवाने का आदेश दीया और साथ में 5 गांव भी दान में दिया.
* कुछ विद्वानों के अनुसार देवपाल ने ही उदंतपुरी (बिहारशरीफ) तथा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी.
* देवपाल के बाद विग्रह पाल – नारायण पाल- रामपाल- गोपाल द्वितीय शासक बने.
* लगभग 988 ई. के आसपास पाल वंश का पतन होने लगा.
* परंतु पाल वंश के पतन को कुछ समय के लिए महिपाल (988 ई. से 1038 ई.) ने रोकने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा.
* महिपाल को इसलिए पाल वंश का द्वितीय संस्थापक माना जाता है.
* पाल वंश का शासन काल पूर्वी भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है.
* पाल काल में साहित्य मूर्तिकला एवं बौद्ध धर्म की वज्रयान (तंत्रयान) शाखा का काफी विकास हुआ.
* पाल शासनकाल में ही संध्याकर नंदी ने राम चरित्र की रचना की थी.
* संध्याकर नंदी पाल शासक रामपाल के दरबार में रहते थे .
* पाल शासनकाल में ही जीमूतवाहन ने हिंदू विधि की पुस्तक दाएंभाग की रचना की.
* पाल काल में पत्थर एवं कांच मूर्तिकला का काफी विकास हुआ.
* पाल काल में ही पूर्वी भारत में कसौटी नामक काले पत्थर से सुंदर मूर्तियां बनी.
* इस मूर्ति कला शैली को पाल कला शैली या पूर्वी भारत कला शैली भी कहा जाता है.
* धीमान एवं बीटपाल प्रसिद्ध मूर्तिकार थे.
* पाल शासनकाल में बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा का काफी विकास हुआ.
* पालों की राजधानी मुंगेर बिहार थी.
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