Ancient History Notes in Hindi
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Ancient History Notes in Hindi
अशोक और बौद्ध धर्म
* दिव्यावदान एवं चीनी यात्री ह्वेनसांग के अनुसार अशोक को बौद्ध धर्म में उपगुप्त ने दीक्षित किया.
* कुछ विद्वानों का यह भी मानना है कि अशोक मोगली पुत्र तिस्स के प्रभाव में पूर्ण रूप से बौद्ध बना.
* बौद्ध धर्म अपनाने के बाद अशोक ने बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा की, अपने राज्याभिषेक के दसवें वर्ष बोधगया एवं विसवे वर्ष लुंबिनी की यात्रा की.
* लुंबिनी वन बुद्ध का जन्म स्थान होने के कारण अशोक ने यहां के सभी धार्मिक कर माफ कर दिए एवं भूमि कर 1/6 से घटाकर 1/8 कर दिया.
* (इस सब का अभिलेख रुम्मन देई अभिलेख से मिलता है).
* अशोक बौद्ध धर्म मानता था इसका प्रमाण भवरु अभिलेख से मिलता है .
* भवरु अभिलेख में बौद्ध धर्म के त्रिरत्न- बुद्ध, धम्म, संघ, में अशोक आस्था व्यक्त करता है.
* भवरु अभिलेख में ही बौद्ध धर्म ग्रंथों का उल्लेख भी किया गया है.
* सारनाथ, सांची (मध्य प्रदेश) एवं कौशांबी (उत्तर प्रदेश) के अभिलेखों में अशोक ने बौद्ध संघ में फूट डालने वाले को कड़ी चेतावनी देता है.
* कौशांभी अभिलेख को रानी को अभीलेख भी कहा जाता है.
* अशोक के समय ही तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन पाटलिपुत्र में किया गया था.
* इसकी अध्यक्षता मोगली पुत्र तिस्स ने की थी.
* तृतीय बौद्ध संगीति में ही बौद्ध धर्म का प्रचार विदेशों में करने का निर्णय लिया गया.
* विदेशों में बौद्ध धर्म प्रचार के लिए धर्म प्रचारक भेजे गए.
* अशोक के पुत्र महेंद्र एवं पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका में धर्म प्रचार के लिए भेजा गया.
* महारक्षित को यवन (यूनानी) राज्यों में भेजा गया इसके अतिरिक्त सोण एवं उतरा को स्वर्ण भूमि (मयनमार्ग) में धर्म प्रचार के लिए भेजा गया.
* अशोक ने अपने राज्याभिषेक के 13 वें वर्ष धर्म महामात्र नामक अधिकारियों की नियुक्ति की जो पांचवी शिलालेख में उल्लेख है.
* इनके अतिरिक्त लोगों के कल्याण के लिए अशोक ने राजूक प्रादेशिक एवं युक्त नामक तीन पदाधिकारियों की नियुक्ति की.
* अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए कई लोग कल्याणकारी कार्य किए.
* जिसमें NH1 एवं NH2 रोड अशोक ने ही बनवाया था. सातवें शिलालेख अभिलेख स्तम्भ में इसका उल्लेख मिलता है.
* ह्वेनसांग के अनुसार अशोक ने 80,000 बौद्ध स्तूपो का निर्माण कराया था.
* अशोक एक धर्म सहिष्णु शासक था उसने अपने 12वे शिलालेख में धार्मिक समन्वय की बात की है.
* बराबर पहाड़ीयों (गया बिहार) में आजीवक संप्रदाय के लिए चार गुफाओं का दान किया था यह चार गुफाएं निम्न है-
* पहला कर्ण, दूसरा चौपार, तीसरा सुदामा एवं चौथा विश्व झोपड़ा.
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