Bpsc gk notes in hindi
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* ‘क्रोमेटोग्राफी’ की तकनीक का प्रयोग होता है
(A) रंगीन पदार्थों की पहचान करने में
(B) पदार्थों की संरचना निर्धारण में
(C) रंगीन पदार्थों के प्रभाजी आसवन में
(D) एक मिश्रण से पदार्थों को अलग करने में
नोट्स- क्रोमेटोग्राफी का प्रयोग रंगीन पदार्थों के प्रभाजी आसवन में किया जाता है। प्रभाजी आसवन द्वारा उन मिश्रित द्रवों को पृथक् करते हैं जि क्वथनांकों में अन्तर बहुत कम होता है। भूग निकाले गये कच्चे तेल में से शुद्ध पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल आदि इसी विधि द्वारा पृथक् किए जाते हैं ।
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