Bpsc gk notes in hindi
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* जिसके ग्रन्थ में चन्द्रगुप्त मौर्य का विशिष्ट रूप से वर्णन हुआ है, वह है-
(A) भास
(B) शूद्रक
(C) विशाखदत
(D) अश्वघोष
नोट्स-
* चौथी शताब्दी के उत्तरार्द्ध और पांचवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में विशाखदत्त द्वारा रचित मुद्राराक्षस नामक ग्रन्थ में चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके गुरु चाणक्य के सम्बन्ध में राजा मगध में नंद वंश के पतन एवं मौर्य वंश के शासन की स्थापना सम्बन्धी विशद जानकारी मिलती है।
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