Medieval History Notes in Hindi
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गुरु गोविंद सिंह 1675 ई. से 1708 ई. तक
* गुरु गोविंद सिंह, गुरु तेग बहादुर के एकलौते पुत्र थे.
* बिहार के पटना में 1666 ई. में गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था.
* गुरु गोविंद सिंह के पिता की मृत्यु के पश्चात इन्हें सिक्खों का दसवां गुरु घोषित किया गया.
* गुरु गोविंद सिंह अपने पिता के कत्ल को कभी न भुला सके.
* धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाना और अत्याचारी का विनाश उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य रहा.
* गुरु गोविंद सिंह ने अपने को सच्चा बादशाह कहा.
* तथा गुरु गोविंद सिंह एक बादशाह के भांति दरबार करते थे.
* गुरु गोविंद सिंह ने अपने विचारों को व्यवहारिक स्वरूप प्रदान करने के लिए खालसा पंथ नामक सैनिक संप्रदाय की स्थापना की.
* गुरु गोविंद सिंह ने संपूर्ण सिक्खो को खालसा पुकारा.
* तथा प्रत्येक सिक्ख को अपने नाम के आगे सिंह लगाने को कहा.
* तथा प्रत्येक सिक्खो को पंचकार, केश, करा, कंघा, कच्छा, कृपाण कहा.
* गुरु गोविंद सिंह ने सिक्ख धर्म के लिए पाहुल प्रणाली नामक एक नई व्यवस्था की शुरुआत भी की.
* गोदावरी नदी के तट पर 1708 ई. में नांदेड नामक स्थान पर एक पठान ने गुरु गोविंद सिंह को छुरा मार दिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई.
* गुरु गोविंद सिंह सिक्खो के दसवें एवं अंतिम थे.
* अपने मृत्यु से पहले गुरु गोविंद सिंह ने गुरु की गद्दी को समाप्त कर दिया.
* गुरु गोविंद सिंह ने कहा कि-” जहां भी गुरु के उपदेशों को मानने वाले 5 सिक्ख एकत्रित होंगे मैं वहां उपस्थित रहूंगा.
* तथा गुरु गोविंद सिंह ने कहा कि- “गुरुवाणी ही सिख संप्रदाय के गुरु का कार्य करेगी.”
* इसी कारण सिक्खो ने आदि ग्रंथ को गुरु ग्रंथ साहि कहना आरंभ कर दिया.
* गुरु गोविंद सिंह विद्वान भी थे.
* गुरु गोविंद सिंह के विचारों को “दशम पादशाह” का ग्रंथ में संकलित किया गया.
* यह विचार 3 भाषाओं में संकलित किए गए थे-1. बज्र भाषा 2. पंजाबी भाषा 3.फारसी (अरबी) भाषा.
* गुरु गोविंद सिंह ने औरंगजेब के साथ फारसी भाषा में पत्र व्यवहार किया था.
* जिसे जफरनामा के नाम से जाना जाता है.
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