Medieval History Notes in Hindi

Medieval History Notes in Hindi

             Medieval History Notes in Hindi

                     मुगल साम्राज्य का पतन

* मार्च 1707 ई. में औरंगजेब की मृत्यु उसके पुत्रों में उत्तराधिकार के युद्ध का विगुल था.

* मुहम्मद मुअज्जम (शाह आलम) मोहम्मद आजम तथा काम बख्श में सबसे बड़े पुत्र मोहम्मद मुअज्जम की विजय हुई.

* और वह बहादुर शाह प्रथम की उपाधि धारण कर मुगल सिंहासन पर बैठा.

* बहादुर शाह प्रथम ने 1689 ई. से कैद की जीवन व्यतीत कर रहे साहू को मुक्त कर दिए, और महाराष्ट्र जाने की अनुमति दिए.

* बहादुर शाह प्रथम ने विद्रोही मुगल सरदारों का खुश करने के लिए दिल खोलकर जागीरे बांटी.

* इसलिए इतिहास में इसे शाहे बेखबर के नाम से जाना जाता है.

* 27 फरवरी 1712 ई. को बहादुर शाह प्रथम की मृत्यु हो गई.

* प्रसिद्ध अंग्रेज लेखक सिडनी ओवन के अनुसार अंतिम मुगल बादशाह था.

* जिनके बारे में कुछ अच्छे शब्द कहे जा सकते हैं.”

* 1712 ई. में बहादुर शाह प्रथम की मृत्यु के पश्चात उसके पुत्रों जहांदार साह, अजीमउशान, रफीउशान तथा जहानशाह के बीच उत्तराधिकार का युद्ध शुरू हो गया.

* फलत: बहादुर शाह प्रथम का शव 1 माह तक दफन भी नहीं हो सका.

* ईरानी दल के नेता जुल्फीकार की सहायता से जहांदार साह मुगल गद्दी हासिल करने में सफल रहा.

* और जुल्फिकार खां को वह वकील का पद दिया.

* लाल कुंवर नामक वैश्या के साथ जहांदार शाह के संबंध काफी चर्चित रहे.

* जहांदार शाह कों इतिहास में लंपट मूर्ख के नाम से जाना जाता था.

* 10 माह के भीतर ही अज्जीम उशान के पुत्र फर्रूखसियर ने सैयद बंधुओं की सहायता से जहांदार साह को गद्दी से हटाने में सहायता प्रदान की.

* कृतज्ञ फर्रूखसियर ने सैयद बंधुओं में से बड़े भाई अब्दुल्ला खां को वजीर और छोटे भाई हुसैन अली खां को मीर बख्शी का पद प्रदान किया.

* फर्रूखसियर के शासनकाल में ही 1716 ई. में बंदा बहादुर पंजाब के गुरूदासपुर नामक स्थान पर पकड़ा गया और उसका कत्ल कर दिया गया.

* बंदा बहादुर ने गुरु गोविंद सिंह की मृत्यु के पश्चात सिख विद्रोह का नेतृत्व संभाला था.

* बंदा बहादुर का मूल नाम लक्ष्मण देव था.

* 1717 ई. में मुगल शासक फर्रूखसियर ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को व्यापार संबंधित बहुत सारे रियायतें दी.

* जिसके फलस्वरूप बिना किसी सीमा शुल्क अदा किए हुए बंगाल के रास्ते अंग्रेजो को व्यापार करने की छूट दी जिसे मैग्नाकार्टा की संज्ञा दी गई है.

* फर्रूखसियर द्वारा सैयद बंधुओं के विरुद्ध षड्यंत्र का पता लगते ही सैयद बंधुओं ने 1719 ई. में फर्रूखसियर का गला घोट दिया.

* फर्रूखसियर को भारतीय इतिहास में घृणित कायर के नाम से जाना जाता है.

* 1713 ई. में सैयद बंधुओ ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके जजिया कर को हटा दिया.

* फर्रूखसियर द्वारा सैयद बंधुओं की हत्या के लिए जो साजिश रची गई थी उसका प्रमुख पुरानी दल का नेता निजाम उल मुल्क एवं दूसरा नेता अमीर खां था.

* इसके पश्चात सैयद बंधुओं ने रफीउदरजात एवं रफीउदौला को क्रमशः शासक बनाया लेकिन यह दो कुछ ही महीनों में बीमारी की वजह से मर गया.

* इसके पश्चात सैयद बंधुओं ने मोहम्मद शाह को मुगल बादशाह बनाया,जिसका मूल नाम रौशन अख्तर था.

* मोहम्मद शाह के समय में ही तुरानी दल के सरदारों ने अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए सैयद बंधुओं को 1720 ई. में सफाया कर दिया.

* सैयद बंधुओं द्वारा अपनी इच्छा अनुसार चार शासकों को बनाने के कारण भारतीय इतिहास में उन्हें नृपनिर्माता के नाम से जाना जाता है.

* मोहम्मद शाह  नाच-गाने का बहुत शौकीन था.

* उसके समय में संगीत की बहुत सारी पुस्तकें लिखी गई.

* तथा इसके समय में ही उर्दू भाषा का काफी प्रसार हुआ.

* यहां तक कि इसके शासनकाल में उर्दू ही दरबारी भाषा बन गई.

* मोहम्मद शाह को इतिहास में रंगीला बादशाह के नाम से जाना जाता है.

* मोहम्मद शाह के शासनकाल में ही 1724 ई. में चिनकिलिज खां उर्फ़ निजाम उल मुल्क ने आसफजाह की उपाधि धारण कर स्वतंत्र हैदराबाद राज्य की स्थापना की.

* मोहम्मद शाह के शासनकाल में ही अवध के स्वतंत्र राज्य की स्थापना सआदत खां उर्फ़ बुहरान उल मुल्क द्वारा की गई.

* 1739 ई. में  मोहम्मद शाह के शासनकाल में ही ईरान के शासक नादिरशाह का भारत पर आक्रमण हुआ.

* तथा मुगल सेना और नादिरशाह के बीच 1739 ई. में सुप्रसिद्ध करनाल का युद्ध हुआ.

* इस युद्ध के अवसर पर 1739 ई. में सआदत खां को भी युद्ध करने के लिए आमंत्रित किया गया.

* वह वीरता पूर्वक लड़ा परंतु बंदी बना लिया गया.

* इसके पश्चात उसने ही नादिरशाह को दिल्ली पर आक्रमण करने की सलाह दी.

* तथा इस आक्रमण से उसे एक करोड़ रुपैया मिलने की दिलासा दिलाई.

* ऐसा नहीं होने के फलस्वरूप क्रोध में नादिरशाह ने दिल्ली में कत्लेआम की आज्ञा दे दी.

* तथा डर के मारे सआदत खां ने आत्महत्या कर लिया.

* नादिरशाह ने दिल्ली को बुरी तरह लूटा तथा लौटते समय शाहजहां द्वारा बनवाया गया तख्ते ताऊस मयूर सिंहासन तथा कोहिनूर हीरा हमेशा लेता गया.

* सआदत खां  के मृत्यु के पश्चात सफदरजंग अवध की गद्दी पर बैठा.

* इसे मोहम्मद शाह ने एक फरमान द्वारा अवध का नवाब नियुक्त कर दिया.

* 1748 ई. में मुगल बादशाह शाह अहमद शाह प्रथम ने सफदरजंग को अपना वजीर नियुक्त कर दिया.

* जिससे उसके उत्तराधिकारी नवाब वजीर कहलाने लगे.

* 1819 ई. में इस वंश के सातवें शासक सआदत खां ने अवध के राजा की उपाधि धारण की.

* अवध की प्रारंभिक राजधानी फैजाबाद थी, बाद में लखनऊ की राजधानी हो गई.

* मोहम्मद शाह के समय में ही वीरदाऊत तथा उसके पुत्र अली मोहम्मद खां ने बरेली में एक छोटी-सी जागीर का विस्तार कर रुहेलखंड नामक एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की.

* तथा मुर्शीद कुली खां मोहम्मद शाह के समय में ही स्वतंत्र बंगाल राज्य की स्थापना की.

* तथा मोहम्मद शाह के समय में ही 1737 ई. में मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम ने मात्र 500 घुरसवारो को लेकर दिल्ली पर चढ़ आया .

* 1748 ई. में मोहम्मद शाह की मृत्यु हो गई.

* मोहम्मद शाह के समय में ही 1748 ई. में अहमद शाह अब्दाली का भारत पर पहला आक्रमण हुआ.

* मोहम्मद शाह के मृत्यु के पश्चात अहमद शाह प्रथम मुगल शासक बना.

* कहा जाता है कि इसकी मां इम्तियाज महल नामक एक वैश्या थी का पुत्र था.

* अहमद शाह प्रथम के समय अहमद शाह अब्दाली का 3 आक्रमण हुए.

* तथा उसने इमाद उल मुल्क को मुगल वजीर बना दिया.

* इमाद उल मुल्क ने 1754 ई. में अहमदशाह प्रथम को गद्दी से हटाकर आलमगीर द्वितीय को मुगल बादशाह बना दिया.

* आलमगीर द्वितीय के समय में अहमद शाह अब्दाली ने आक्रमण किया.

* तथा बादशाह की एक बेटी से स्वंय तथा दूसरी बेटी से अहमद शाह अब्दाली ने अपने पुत्र से विवाह करा दिया.

* तथा अहमद शाह अब्दाली ने रूहेला सरदार नजीब उद दौला को मीर बक्शी तथा इमाद उल मुल्क को वजीर नियुक्त कर दिया.

* इमाद उल मुल्क ने आलमगीर द्वितीय की 1758 ई. में हत्या कर दी.

* तथा उसके स्थान पर शाहजहां तृतीय को शासक बनाया.

* उस समय आलम द्वितीय बिहार के पटना में था.

* 1759 ई. में  वह बिहार में अपना राज्याभिषेक करवा लिया.

* शाह आलम द्वितीय के समय में ही 1764 ई. में बक्सर का युद्ध हुआ.

* तथा 1803 ई. में अंग्रेजों ने दिल्ली पर अधिकार कर लिया.

* 1761 ई. में पानीपत का तृतीय युद्ध इसी के शासनकाल में हुआ था.

*  शाह आलम द्वितीय 12 वर्ष तक दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सका.

* तथा 1772 ई. में मराठा सेना की सहायता से यह दिल्ली के सिंहासन पर बैठा.

* 30 जुलाई 1788 ई. को गुलाम कादीर(रूहेला सरदार) राज्यमहल में प्रवेश कर शाहआलम की दोनों आंखें निकाल दी.

* तथा उसे सिंघासन से हटा दिया लेकिन 10 अगस्त 1788 ई. को महादजी सिंधिया ने पुन: शाहआलम को दिल्ली के गद्दी पर बैठा दिया.

* 1806 ई. में शाहआलम द्वितीय की मृत्यु हो गई.

* शाह आलम द्वितीय की मृत्यु के पश्चात अकबर द्वितीय मुगल शासक बना.

* अकबर द्वितीय ने ही राजाराममोहन राय को राजा की उपाधि प्रदान की थी.

* 1837 ई. में अकबर द्वितीय की मृत्यु हो गई.

* तथा इसके पश्चात बहादुर शाह द्वितीय शासक बना.

* बहादुर शाह द्वितीय को बहादुर शाह जफ्फर के नाम से भी जाना जाता है.

* यह उर्दू में बहुत अच्छी शायरी करता था, इसलिए इसके नाम के आगे जफ्फर लगा.

* इसके शासनकाल में ही 1857 ई. का सैनिक विद्रोह हुआ.

* तथा इस विद्रोह के पश्चात अंग्रेजों ने बहादुर शाह द्वितीय को बंदी बनाकर रंगून भेज दिया. 

* जहां बहादुर शाह द्वितीय की मृत्यु हो गई और वही उसे दफना दिया गया.

* इस तरह 1857 ई. में मुगल साम्राज्य का पूर्णत: पतन हो गया.

  क्रमबद्ध संस्थापक- बाबर- हुमायूं- अकबर( वास्तविक संस्थापक)- जहांगीर- शाहजहां- औरंगजेब- बहादुर शाह प्रथम- जहांदार साह- फर्रूखसियर- रफीउदरजात- रफीउदौला- मोहम्मद साह- अहमद शाह प्रथम- आलमगीर द्वितीय- शाहजहां तृतीय- शाह आलम द्वितीय- अकबर द्वितीय- बहादुर शाह द्वितीय या बहादुर शाह जफ्फर.

* मुगल साम्राज्य का संस्थापक बाबर था.

* वास्तविक संस्थापक अकबर तथा अंतिम शासक बहादुर शाह जफर था.

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