Medieval History Notes in Hindi
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सिकंदर लोदी 1489 ई. से 1517 ई. तक
* बहलोल लोदी ने अपनी मृत्यु से पहले अपने तीसरे पुत्र निजाम खां को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया.
* निजाम खां की मां जयबंद एक सुनार की पुत्री थी.
* 1489 ई. में निजाम खां सुल्तान सिकंदर शाह के नाम से दिल्ली सल्तनत की गद्दी पर बैठा.
* सिकंदर लोदी सभी लोदी शासकों में सबसे शक्तिशाली शासक था, उसने 1506 ई. में आगरा नामक शहर बनाया तथा उसे अपना राजधानी बनाया.
* उसने कृषि एवं व्यापार की उन्नति का प्रयत्न किया तथा भूमि की पैमाइश के लिए गजे सिकंदरी नाम का एक नया पैमाना आरंभ किया.
* सिकंदर लोदी धार्मिक दृष्टि से काफी असहिष्णु (धर्मान) शासक था.
* उसने नगरकोट की ज्वालामुखी मंदिर को तोड़कर उसके टुकड़े को मांस तौलने के लिए कसाईयों को दे दिया.
* तथा उसने मुहर्रम में तजिया निकालना बंद कर दिया तथा मुस्लिम स्त्रियों को पिरो एवं मजारों पर जाने से मना कर दिया.
* सिकंदर लोदी शिक्षित और विद्वान था, वह फारसी भाषा का ज्ञाता था और गुलरूखी उपनाम से फारसी में कविताओं की रचना करता था.
* सिकंदर लोदी के समय में संस्कृत के कई ग्रंथों का फारसी में अनुवाद किया गया उसके आदेश से एक आयुर्वेदिक ग्रंथों का फारसी में अनुवाद किया गया, जिसका नाम फरहंगे सिकंदरी रखा गया.
* सिकंदर को ललितकलाओं का भी शौक था, संगीत में उसकी बड़ी रुचि था और वह शहनाई सुनने का शौकीन था.
* उसके समय में लज्जत ए सिकंदरी नामक ग्रंथ की रचना की गई थी.
* सिकंदर की एक मुख्य सफलता अफगान सरदारों को अपने नियंत्रण में रखने की थी.
* सिकंदर लोदी ने स्वयं कहा था- “यदि में अपने एक गुलाम को भी पालकी में बैठा दूं तो मेरे आदेश पर मेरे सभी सरदार उसे अपने कंधों पर उठाकर ले जाएंगे.
* गले की बीमारी की वजह से 1517 ई. को सिकंदर लोदी की मृत्यु हो गई.
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