Medieval History Notes in Hindi
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शिवाजी का सैन्य अभियान
* अपने सैन्य विजय अभियान के अंतर्गत 1644 ई. में शिवाजी सर्वप्रथम बीजापुर के तोरण नामक पहाड़ी किले पर अधिकार किया.
* इस किले से प्राप्त धन द्वारा शिवाजी ने तोरण से करीब 5 मील पूर्व दिशा में रायगढ़ नामक एक नए किले का निर्माण कराया.
* 1648 ई. में शिवाजी ने पुरंदर के किले को छल द्वारा निलोजीनीलकंठ से छीन लिया.
* 1656 ई. में शिवाजी ने जावली के किले को मराठा सरदार चंद्ररावमोड़े के कब्जे से छीन लिया.
* इस किले की विजय से शिवाजी की स्थिति सामरिक एवं आर्थिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हो गई.
* अप्रैल 1656 ई. में शिवाजी ने रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया था.
* 1657 ई. में शिवाजी का पहली बार मुकाबला मुगल सेना से हुई थी.
* जब दक्षिण के सूबेदार औरंगजेब ने बीजापुर पर आक्रमण किया और बीजापुर ने शिवाजी से सहायता मांगी.
* 1659 ई. में शिवाजी ने बीजापुर प्रख्यात सरदार अफजल खां की हत्या कर दी.
* इसके पश्चात शिवाजी ने कोंकण, कोल्हापुर, कोन्हाला के महत्वपूर्ण किलो पर अधिकार कर लिया.
* 1660 ई. में शिवाजी के शक्ति को तोड़ने के लिए शईस्ता खां को मुगल सूबेदार बनाकर दक्षिण भारत भेजा गया.
* 1663 ई. में पुणे में शिवाजी ने शईस्ता खां पर अचानक हमला बोल दिया.
* फलत: शईस्ता खां किसी तरह अपनी जान बचाकर भागा.
* 1664 ई. में शिवाजी ने सूरत (गुजरात) बुरी तरह लूटा.
* 1665 ई. में जयसिंह को पून: मुगल सेनापति बनाकर दक्षिण भारत में भेजा गया.
* इन्होंने शिवाजी को संधि एवं आत्म समर्पण करने पर मजबूर किया.
* फलत: 1665 ई. में ही शिवाजी और जयसिंह के बीच पुरंदर की संधि हुई थी.
* जिसकी शर्ते निम्नलिखित थी-
1. शिवाजी को 400000 हुण (चांदी का सिक्का) वार्षिक आमदनी वाले 23 किले मुगलों को सौंपने परे तथा 12 किले उनके पास रहे.
2. मुगलों ने शिवाजी के पुत्र संभाजी को 5 हजारी का मनसब एवं उचित जागीर देना स्वीकार किया.
3. मुगलों ने शिवाजी को विवेक रहित एवं बेवफा व्यवहार को क्षमा करना स्वीकार किया.
4. शिवाजी को कोंकण और बालाघाट में जागीरे दे जानी थी.
* जिनके बदले उन्हें 13 किस्तों में 4000000 हुण देना था.
* साथ ही उन्हें बीजापुर के खिलाफ मुगलों की सहायता भी करनी थी.
* इस संधि के पश्चात औरंगजेब ने शिवाजी को राजा की उपाधि,फरमान एवं खिल्लत भेंट किया था.
* अपनी सुरक्षा का पूर्ण आश्वासन पाकर शिवाजी, जयसिंह के साथ आगरा जाने को तैयार हो गए.
* लेकिन वहां बादशाह द्वारा उचित सम्मान न दिए जाने के पश्चात शिवाजी ने उदंडता का परिचय दिया.
* फलत: इन्हें जयपुर भवन में कैद कर लिया गया.
* 25 दिन की कैद के पश्चात शिवाजी वहां से फरार होने में सफल रहे.
* 1670 ई. में शिवाजी ने सूरत को दूसरी बार बुरी तरह लूटा.
* तथा 1672 ई. तक अपने समस्त किलो को अपने मुगलों से वापस छीन लिए.
* 1674 ई. में शिवाजी ने अपना राज्याभिषेक कराया तथा छत्रपति की उपाधि ग्रहण की.
* और रायगढ को अपनी राजधानी बनाया.
* उस समय के बनारस के महान पंडित विश्वेश्वर उर्फ़ गंगभट्ट ने उनका राज्याभिषेक किया.
* तथा उदयपुर के राजपूत राजवंश से इनका संबंध बताया गया.
* राज्याभिषेक के 12 दिन पश्चात ही इनकी माता का देहावसान (मृत्यु) हो गया.
* फलत: तांत्रिक पद्धति से इन्होंने पुन: अपना राज्याभिषेक कराया.
* राज्याभिषेक के समय शिवाजी ने छत्रपति हैन्दो धर्मोधारक एवं गो ब्राह्मण प्रतिपालक की उपाधि ग्रहण की.
* करीब 12 दिनों की बीमारी के पश्चात 12 अप्रैल 1680 ई. को शिवाजी की मृत्यु हो गई.
* आध्यात्मिक क्षेत्र में शिवाजी के गुरु रामदास समर्थ थे.
* राष्ट्रप्रेम या देश प्रेम गौ ब्राह्मण एवं धर्म की रक्षा की भावना शिवाजी ने गुरु रामदास से ही सीखी थी.
* 1640 ई. में 12 वर्ष की आयु में साईं बाई निंबालकर से शिवाजी का विवाह हुआ था.
* शिवाजी ने मावल प्रदेश को अपनी जीवन की प्रारंभिक कार्य स्थली बनाया था.
* शिवाजी ने राज्याभिषेक के उपरांत अपने अधीनस्थ मराठा सरदारों से निराश पट्टी नामक कर लिया.
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