Medieval History Notes in Hindi
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शिवाजी की राजस्व (कर) व्यवस्था
* शिवाजी की राजस्व व्यवस्था मलिक अंबर की राजस्व व्यवस्था से प्रेरित थी, लेकिन अंधानुकरण (पूर्णत:नहीं) नहीं था.
* शिवाजी ने रस्सी द्वारा माप के स्थान पर काठी और मानक छरी का प्रयोग किया.
* 20 छरियों का एक विग्घे और 120 विग्घे का एक चावर होता था.
* कुल उपज का 33% राजस्व के रूप में लिया जाता था.
* जिसे बढ़ाकर शिवाजी ने 40% कर दिया.
* राजस्व (कर) नगद या वस्तु के रूप में चुकाया जा सकता था.
* शिवाजी के शासनकाल में राज्य की आय के दो और स्रोत थे-
1. सरदेशमुखी- शिवाजी का कहना था कि देश के वंशानुगत सरदेशमुख (सबसे बड़ा) होने के नाते और उन लोगों के हितों की रक्षा करने के बदले उन्हें सरदेशमुखी लेने का अधिकार है, जो उपज का 10% भाग होता था.
2. चौथ- मराठा आक्रमण से बचने के एवज में पड़ोसी राज्यों से लिया जाने वाला कर था, जो उनकी आय का 1/4(25%) भाग था.
* शिवाजी ने जागीरदारी एवं जमीदारी प्रथा का विरोध करते हुए रैयतवाड़ी प्रथा को अपनाया.
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