Modern History Notes in Hindi
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भारत मे यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों का आगमन (पुर्तगालि)
* पहला यूरोपीय व्यक्ति जिसने यूरोप से आशा-आंतरित (cape of good hope) होते हुए भारत के समुद्री
मार्ग को खोजने में सफलता प्राप्त की, वह वास्कोडिगामा था ।
* 1498 ई. मे वह केरल के कालीकट के समुंद्रतट पर उतरा वृह पुर्तगाल के शासक हेनरी द नेवीगेटर के
दूत के रूप में भारत आया तथा सबसे पहले केरल के तट पर स्थित कालीकट के शासक जमोरीन के
दरवार मे गया तथा उससे व्यापार करने की सुविधा माँगी।
* जमोरीन ने वास्कोडिगामा के इस प्रस्ताव का स्वागत किया, परंतु भारत में पहले से ही व्यापार कर रहे
अरवो ने इसका विरोध किया.
* वास्कोडिगामा भारत से लौटते समय कालिमिर्च (गोलकी) लेता गया, जिससे पुर्तगाल में उसे 60 गुणा
अधिक मुनाफा मिला।
* पुर्तगालियों के भारत आगमण के प्रमुख दो उद्देश्य थे-
(i) अरब व्यापारियों का भारत से प्रभाव समाप्त होना तथा (ii) इसाई धर्म का प्रचार करना
* भारत में पुर्तगालि समुद्री साम्राज्य को “एस्तादों द इंडिया” नाम दिया गया. पूर्वी जगत की कालीमिर्च और
मशालो के व्यापार पर एकाधिकार प्राप्त करने उद्देश्य से पुर्तगालियों ने 1503 ई० मे कोच्चिन में अपने पहले
दुर्ग, किला, फैक्ट्री, कोठी की स्थापना की.
* भारत में प्रथम पुर्तगाली गवर्नर जनरल के रूप में फ्रांसिस्को द अलमेडा (1505 – 1509 ई. तक) की
नियुक्ति हुई.
* अलफांसो द अल्बुकर्क 1503ई. में भारत आया तथा 1509 ई. में उसे भारत मे पुर्तगालि गवर्नर जनरल या
वायसराय नियुक्त किया गया।
* अल्बुकर्क को भारत में पुर्तगालि साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है. अल्बुकर्क ने 1510 ई. में
बीजापुर के शासक युसुफ आदिल शाह से गोवा को छिन लिया, जो कालांतर (कुछ समय) मे पुर्तगालियो की
भारत में राजधानी बन गई।
* अल्बुकर्क ने भारत में पुर्तगालियों की संख्या मे वृद्धि करने एवं उनकी स्थाई वस्तीयाँ बसाने के उद्देश्य से
पुर्तगालियों को भारतीय महिलाओं के साथ विवाह करने के लिए पुरोत्साहित किया तथा अपनी सेना में
भारतीयों को भी भरती किया.
* पुर्तगालियों ने हिन्दमहासागर से होने वाले व्यापार पर एकाधिपत्य (monopoli) प्राप्त कर यहाँ से गुजरने
वाली अन्य जहाजों से कड़ वसुल किया।
* पुर्तगालियों ने कार्टज पद्धति के द्वारा भारतीय तथा अरवी जहाजो को परमिट या कार्टज के बिना उनके
जहाजो के प्रवेश पर रोक लगा दिया करता था ।
* पुर्तगाली अधिकार क्षेत्र वाले मार्ग से व्यापार करने के लिए मुगल बादशाह अकबर को भी कार्टज लेना
परता था.
* अत्यधिक राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण 1629 ई. मे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने पुर्तगालियो के अधिकार
से हुगली को छिन लिया था तथा औरंगजेब ने चट्गाँव के समुंद्रीलुटेरो का सफाया कर दिया था।
* 1639 ई. मे मराठो ने पुर्तगालियों से शालसेट और वसिन छिन लिए तथा 1661 ई. मे पुर्तगाल ने दहेज मे
मुंबई को अंग्रेज को दे दिया।
* 17वीं शदी मे पुर्तगालियों को डचों का मुकाबला करना पड़ा, डचों की नौसेना श्रेष्ठ होने के कारण पुर्तगालियो
की मुँह की खानी परी. हलाकि 1961 ई. तक पुर्तगालि गोवा, दमन एवं द्वीव तथा दादर नागर हवेली पर शासन
करते रहे.
* पुर्तगालियों के भारत आगमण से भारत में तंबाकु की खेती, जहाज निर्माण तथा प्रिंटींग प्रेस की शुरुआत हुई।
* 1556 ई. मे गोवा मे पुर्तगालियों ने भारत का प्रथम प्रिंटींग प्रेस स्थापित किया।
* इसाई धर्म का मुगलशासक अकबर के दूरवार में प्रवेश फादर एकवाविवा और फादर मोन्सेरात
के नेतृत्व में हुआ.
* साथ ही पुर्तगालियों के भारत मे आगमण से गोथिक स्थापत्य कला का आगमण हुआ.
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