Modern History Notes in Hindi

Modern History Notes in Hindi

                 Modern History Notes in Hindi

           असहयोग आंदोलन 1920 ई. से 1922 ई. तक

* 1920 ई. में हुई संधि के तहत तुर्की के विभाजन का प्रस्ताव और खलीफा को पदच्युत करने के प्रावधान के फलस्वरूप भारत में इसकी तीव्र प्रतिक्रिया हुई.

* और भारत के मुसलमानों ने इसका विरोध करने के लिए मौलाना मोहम्मद अली और शौकत अली (अली बंधु) के नेतृत्व में खिलाफत कमीटी गठित हुई.

* 1920 ई. में गांधी जी ने खिलाफत कमीटी को अहिंसक असहयोग आंदोलन चलाने का परामर्श  दिया.

* अली बंधुओं ने गांधी जी के इस सलाह को मानते हुए गांधी जी को ही खिलाफत कमीटी का अध्यक्ष बना दिया.

* तथा आंदोलन करने के लिए उन्हीं का नेतृत्व प्रदान कर दिया.

* 1 अगस्त 1920 ई. को गांधी जी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग आंदोलन आरंभ कर दिया गया.

* गांधीजी ने 22 जून को ही वायसराय को एक नोटिस दिया जिसमें लिखा था-” कुशासन करने वाले शासक को सहयोग देने से इनकार करने को हर आदमी को है”.

* 1 अगस्त 1920 ई. को ही प्रातः तिलक का निधन हो गया. 

* और उनके नाम पर गांधी जी ने तिलक स्वराज फंड की स्थापना की.

* और देखते ही देखते तिलक स्वराज फंड में ₹10000000 जमा हो गया.

* सितंबर 1920 ई. में कांग्रेस का विशेष अधिवेशन बुलाया गया, जिसकी अध्यक्षता लाला लाजपतराय ने की थी.

* इस अधिवेशन में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के विरोध के बावजूद असहयोग आंदोलन को कांग्रेश मंजूरी दे दी.

* विरोधियों में चितरंजन दास सबसे प्रमुख थे.

* चितरंजन दास का विरोध विधान परिषद के बहिष्कार को लेकर था.

* दिसंबर में नागपुर में कांग्रेस का दिसंबर में नागपुर में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन बुलाया गया जिसकी अध्यक्षता विजय राघवाचारी ने किया.

* इस समय तक कांग्रेस में अंदरुनी विरोध लगभग खत्म हो चुका था.

* तथा सी. आर. दास (चितरंजन दास) ने ही इस सम्मेलन में असहयोग आंदोलन से संबंधित प्रस्तावों को रखा.

* जिसमें उपाधियों और प्रसस्तीयों को लौटना सरकारी स्कूलों, कॉलेजों,अदालतों,विदेशी कपड़ा आदि का बहिष्कार शामिल है.

*छोटी छोटी गैया कांग्रेश के रोजमर्रा के कार्यों को देखने के लिए एक 15 सदस्य कार्यकारिणी गठित की गई.

* हलाकी तिलक ने 1916 ई. में कांग्रेस की कार्यकारिणी के गठन की बात की थी.

* परंतु नरमपंथीयों के विरोध के कारण फिर से मजदूरी नहीं मिल सकी. 

* नागपुर अधिवेशन में कांग्रेस की सदस्यता शुल्क 4 आने प्रति वर्ष कर दी गई.

* तथा जहां तक संभव हो हिंदी को ही संपर्क भाषा के रूप में प्रयोग करने का निर्णय लिया गया.

* शिक्षा का बहिष्कार आंदोलन पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक सफल रहा.

* सी. आर. दास ने (चितरंजन दास) ने इस आंदोलन को बंगाल में प्रोत्साहित किया.

* तथा सुभाष चंद्र बोस कोलकाता के नेशनल कॉलेज के प्रचार्य बनाए गए.

* इस आंदोलन के दौरान चितरंजन दास, मोतीलाल नेहरू, एम.आर. जाकर, सैफुद्दीन किचलू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, सी. राजगोपालाचारी, टी. प्रकाशम तथा अरूणा आसफ अली आदि ने वकालत छोड़ दिया.

* बहिष्कार आंदोलन में सबसे अधिक सफल था विदेशी कपड़ों के बहिष्कार का कार्यक्रम!

* प्रभूदास गांधी और महात्मा गांधी ने मिलकर पूरे देश का भ्रमण किया और जगह-जगह विदेशी कपड़ों की होली जलाई.

* इसी आंदोलन के दौरान गांधीजी ने धोती कुर्ता पहनना छोड़ दिया और लंगोटी पहनने लगे और जीवन भर नंगे फकीर की तरह रहे.

* इसी दौरान 1921 ई. में प्रिंस ऑफ वेल्स की भारत यात्रा हुई, जिसमें कांग्रेस का विरोध हुआ.

*  इस आंदोलन के दौरान सबसे पहले गिरफ्तार होने वाले नेता थे-चितरंजन दास साथ ही उनकी पत्नी बसंती देवी को भी गिरफ्तार कर लिया गया तथा बड़े नेताओं में सिर्फ गांधी जी जेल के बाहर रह गए थे.

* इस आंदोलन के दौरान गुजरात के बारदोलीक (सूरत) तालुके से सविनय अवज्ञा आंदोलन आरंभ करने का विचार था.

* परंतु 5 फरवरी 1922 ई. को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में चौरा-चौरी कांड हुई.

* जिसके कारण गांधी जी ने आंदोलन को स्थगित करने का ऐलान कर दिए.

* तथा 12 फरवरी 1922 ई. को असहयोग आंदोलन को गांधी जी ने वापस ले ली.

* इस घटना के कारण सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाने का कार्यक्रम कुछ समय के लिए स्थगित हो गया.

* गांधी जी ने असहयोग आंदोलन आरंभ करते समय भारतीयों को 1 साल के अंदर आजादी दिलाने की बात किए थे.

* इस आंदोलन की वापसी पर सुभाषचंद्र बोस ने इसे देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य कहा था.

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