Modern History Notes in Hindi

Modern History Notes in Hindi

                    Modern History Notes in Hindi

                 घुमड़ते बादल 1927 ई. से 1930 ई. तक

* 1919 ई. के भारत सरकार अधिनियम में यह उल्लेख किया गया था कि प्रत्येक 10 वर्षों में भारत के लिए संवैधानिक सुधार किए जाएंगे.

* लेकिन सुधारों को लागू करने से पहले एक आयोग का गठन किया जाएगा.

* तथा उसकी अनुशंसा पर ही नए सुधारों को लागू किया जाएगा.

* इसी के अंतर्गत 8 नवंबर 1927 ई. को ब्रिटिश सरकार द्वारा साइमन कमीशन की नियुक्ति की गई.

* इस आयोग में कुल 7 सदस्य थे, लेकिन सभी के सभी अंग्रेज थे.

* तथा इसमें एक भी भारतीय को नहीं रखा गया था.

* सारे भारत में इसकी तत्काल प्रतिक्रिया हुई कि जिस आयोग को भारत के राजनीतिक भविष्य को सुनिश्चित करना है.

* उसमें एक भी भारतीय को इसकी सदस्यता का योग्य नहीं समझा गया.

* यह भारत के लिए काफी अपमानजनक बात है.

* इसलिए कांग्रेस ने इसके भारत आगमन पर विरोध करने का निर्णय लिया.

* 3 जनवरी 1928 ई. को साइमन कमीशन सबसे पहले मुंबई पहुंचा जहां तेज बहादुर सप्रू के नेतृत्व में जोरदार विरोध किया गया तथा वहाँ पर ही काले झंडे दिखाया गया.

* इसी दौरान आंध्र प्रदेश में इसका विरोध करते समय टी. प्रकाशम पर जब पुलिस ने बंदूकें तान दी तो उन्होंने स्वयं अपने सीने को बंदूक के सामने कर दिए.

* अंग्रेजी सरकार द्वारा कहा गया कि-” भारतीय लोग संवैधानिक सुधार के लिए ठोस प्रस्ताव बनाने में असमर्थ है इसलिए उन्हें साइमन आयोग का सदस्य नहीं बनाया गया है”.

* इस चुनौती को स्वीकार करते हुए कांग्रेस के नेतृत्व में अगस्त 1928 ई. में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित किया गया.

* तथा पंडित मोतीलाल नेहरु की अध्यक्षता में भारत के भावी संविधान की रूपरेखा तैयार की गई जिसे भारतीय इतिहास में नेहरू रिपोर्ट के नाम से जाना जाता है.

* इस रिपोर्ट में भारत को डोमिनियन स्टेट की दर्जा देने की बात की गई थी.

* तथा सांप्रदायिक आधार पर निर्वाचक मंडल को अस्वीकार कर दिया था.

* नेहरू रिपोर्ट पर मुस्लिम लिंग पर कुछ आपत्तियां थी जिसके विरोध में मोहम्मद अली जिन्ना ने 14 सूत्री योजना नाम से अपनी आपत्तियां दर्ज कराई.

* जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में युवा कांग्रेसी नेताओं ने भी नेहरू रिपोर्ट का विरोध किया, क्योंकि वह सिर्फ डोमिनियन एस्टेट से संतुष्ट नहीं थे, बल्कि वे तो पूर्ण स्वराज चाहते थे.

* 1929 ई. के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की.

* तथा इनकी अध्यक्षता में पहली बार कांग्रेस का लक्ष्य पूर्ण स्वराज रखा गया.

* तथा 31 दिसंबर 1929 ई. को आधी रात को लाहौर के रावी नदी के तट पर प्रसन्नता और उल्लास के बीच भारतीय स्वतंत्रता का प्रतीक तिरंगा झंडा को फहराया गया.

* 26 जनवरी 1930 ई. को लाहौर में ही पहली बार स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया था.

* तथा प्रत्येक 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने का संकल्प लिया गया.

* लाहौर अधिवेशन में ही गांधी जी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन आरंभ करने का निर्णय लिया गया.

* गांधीजी बोले-” जब तक मुझे जनता का प्यार और विश्वास हासिल है तो रत्ती भर भी गुंजाइश नहीं है कि और ना ही इसका खतरा है कि मैं अपने शक्ति का उपयोग बिना किसी पद के लिए हुए भी कर सकूं, 1920 ई. से ही भगवान ने मुझे वह शक्ति प्रदान की है कि बिना किसी पद पर रहे हुए भी मैं देश में अपना प्रभाव का इस्तेमाल कर सकता हूं”.

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