Modern History Notes in Hindi
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तृतीय गोलमेज सम्मेलन 1932 ई.
* तृतीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन 1932 ई. में हुआ था.
* लेकिन कांग्रेस ने इस आन्दोलन में भाग नहीं लिया.
* इसी दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रैमजे मैकडॉनल्ड द्वारा कम्युनल अवार्ड या सांप्रदायिक पंचाट की घोषणा की, जिसमें अनुसूचित जातियों को हिंदू धर्म से अलग मानते हुए अल्पसंख्यक करार दिया गया.
* गांधीजी ने इसके विरूद्ध आमरण अनशन शुरू कर दिया.
* पंडित मदन मोहन मालवीय के प्रयास से गांधी और अंबेडकर में पुणे में एक समझौता हुआ, जिसे पूना समझौता या पूना पैक्ट के नाम से जाना जाता है.
* जिसके तहत दलित वर्गों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल को अस्वीकार कर दिया गया.
* लेकिन प्रांतीय विधान मंडलों में दलितों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या 71 से बढ़ाकर 147 कर दी गई.
* 1933 ई. में गांधी जी द्वारा हरिजन नामक समाचार पत्र की शुरुआत की गई.
* तथा हरिजनों के उद्धार के लिए गांधी जी पूरे 9 महीने तक पूरे भारत की यात्रा करते रहे.
* दलितों को इसी समय गांधी जी द्वारा हरिजन नाम दिया गया.
* तथा इनके उद्धार के लिए गांधी जी द्वारा अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की गई.
* हरिजनों के उत्थान के लिए काम करने वाले गांधीजी पहले राष्ट्रीय नेता थे.
* 1934 ई. तक आते-आते आंदोलन धीरे-धीरे शिथिल पड़ने लगा था.
* इसलिए परिस्थितियों को देखते हुए गांधीजी ने 1934 ई. में सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने का ऐलान कर दिया.
* इस आंदोलन को स्थगित करने के बाद गांधी जी ने कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया तथा स्वयं को रचनात्मक कार्य से छोड़ लिया.
* इस आंदोलन को आरंभ करने के साथ ही जब गांधीजी ने साबरमती आश्रम को छोरा था तो उन्होंने यह प्रतिज्ञा कि की जब तक आजादी नहीं मिल जाती तब तक लौटकर साबरमती आश्रम नहीं आएंगे.
* इसके पश्चात उन्होंने महाराष्ट्र के वर्धा नामक स्थान पर अपना नया आश्रम स्थापित किया.
* असहयोग आंदोलन की तुलना में इस आंदोलन में मुसलमानों की सहभागिता अपेक्षाकृत कम रही.
* परंतु महिलाओं की भागीदारी पिछले आंदोलन की तुलना में अधिक रही.
* इस आंदोलन के परिणाम स्वरूप ब्रिटिश सरकार द्वारा संवैधानिक सुधार के रूप में 1935 ई. के भारत सरकार अधिनियम पारित किया गया.
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