Q & A “सामाजिक जीवन में क्रोध की जरत बराबर पड़ती है। यदि क्रोध न हो तो मनुष्य दुसरे के द्वारा पहुँचाए जाने वाले बहुत से कष्टों की चिर-निवृत्ति का उपाय ही न कर सके।” May 5, 2023May 14, 2023 bk959529 750 Views 0 Comments “सामाजिक जीवन में क्रोध की जरत बराबर पड़ती है। यदि क्रोध न हो तो मनुष्य दुसरे के द्वारा पहुँचाए जाने वाले बहुत से कष्टों की चिर-निवृत्ति का उपाय ही न कर सके।”, आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी का यह कथन इस बात की पुष्टि करता है कि क्रोध हमेशा Read More