संसार के समस्त भूत, समस्त प्राणी मुझे सहम करें व मैं भी सबको सहन करूँ, किसी से कोई वैर विरोध न रखूँ।
अपने पुरुषार्थ पर भरोसा रखने वाला इंसान सतत जीतता जाता है, जीत की इच्छा होने का मतलब आत्मविश्वास से लबरेज जीवन जीना है।
पड़े मुसीबत इतनी मुझ पर, सभी मुसीबत कम हो जाए। थके न दिल की कभी जवानी, चाहे सांस खतम हो जाए। दुःख की ज्वाला में तप तपकर इतना खून गरम हो जाए। पर्वत पर भी पाॅव धरुँ तो, वह भी ज़रा नरम हो जाए, वह भी जरा नरम हो जाए."
मेरा परिचय पोरस-सा जो जाग उठा लाचार नहीं। मैं किसी सिकंदर के आगे, झुकने को तैयार नहीं। मैं उन्हें चुनौती देता हूँ., जो कहते मुझमे ज्वार नहीं। मैं उनको सबक सिखाता हूँ, जिनको मानवता से प्यार नहीं ॥"
"निश्चय समझो जो कभी तुम्हारा बाधक था, वह देख तुम्हारा तेज स्वयं साधक होगा। तुम अपने आदर्शों के आराधक हो लो पथ स्वयं तुम्हारे पद का आराधक होगा), "
"निश्चय समझो जो कभी तुम्हारा बाधक था, वह देख तुम्हारा तेज स्वयं साधक होगा। तुम अपने आदर्शों के आराधक हो लो पथ स्वयं तुम्हारे पद का आराधक होगा. "