अगर गाँव नष्ट हो जाएँ तो हिन्दुस्तान भी नष्ट हो जाएगा। हमे ग्रामीण सभ्यता को जारी रखते हुए इसे मान्य दोषों से मुक्त करना होगा।
हमारे देश में भयंकर गरीबी और बेकारी है। हमें स्वीकार करना चाहिए कि इस स्थिति के लिए उपेक्षा और अज्ञान ही जिम्मेदार है
सात सामाजिक बुराइयाँ हैं- सिद्धान्त रहित राजनीति परिश्रम रहित धनोपार्जन, विवेक रहित सुख, चरित्रशून्य ज्ञान, साचार रहित व्यापार, संवेदना रहित विज्ञान एवं वैराग्य विहीन उपासना इन् सामाजिक बुराइयों से बचो।
आँख के बदले आँख पूरे विश्व को अंधा बना देगी। कमजोर कभी माफ नहीं कर सकता। माफ करना तो ताकतवर की विशेषता है