हमे क्रोध कभी भी नहीं करना चाहिए इससे विनाश हो जाती है। हमे कायरता की तरह नहीं रहना चाहिए हमे अपने आप को गुणवान व्यक्ति बनाना है।
हमें भविष्य में किसी का कन्यादान करना चाहिए यह दान महादान होता है. दान देना चाहिए.
हमे किसी व्यक्ति पर दया करना चाहिए इसी में हमारी भलाई है। हमे झूठ नहीं बोलना चाहिए, सच्चाई पर रहना चाहिए.
हमे अच्छे चरित्रवान व्यक्ति बन कर रहना चाहिए, हमे घृणा नहीं करनी चाहिए, नहीं तो हम नष्ट हो जाएगें
हमें धन से दान देना, भोग करना और नाश होना होता है इसलिए हमे धन की चिंता नहीं करनी चाहिए.