कोई मनुष्य दूसरे मनुष्य को दास नहीं बनाता, केवल धन का लालच ही मनुष्य को दास बनाता है।
हताश न होना सफलता का मूल है और यही परम सुख है। उत्साह मनुष्य को प्रेरित करता है और उत्साह ही कर्म को सफल बनाता है
खुशियो को दामन में भरने पर वह छोटी सी लगती है, लेकिन यदि उन्हें बाँटा जाये तो वे और ज्यादा बड़ी नजर आती है.
खुद के लिए जीनेवाले की ओर कोई ध्यान नहीं देता पर जब आप दूसरों के लिए जीना सीख लेते है तो वे आपके लिए जीते हैं.
बच्चों को पालना, उन्हें अच्छे व्यवहार की शिक्षा देना भी सेवा कार्य है, क्योंकि यह उनका जीवन सुखी बनाता है