हमे प्रार्थना सच्चे दिल, मन, दिमाग से करना चाहिए हमे हमेशा प्रसन्नता में रहना चाहिए इसी में हमारी सफलता है
यह जान लेनी चाहिए कि पति-पत्नी का एक दूसरे पर मृतु पर्यात पूर्ण विश्वास हो यही सबसे श्रेष्ठ धर्म है
हमे कठिन परिश्रम करना चाहिए ताकि मैं किसी योग्य बन सकूँग
हमे निराशा नही होनी चाहिए मन मे आशा रखनी चाहिए।
हमे सभी का निन्दा सुनना है लेकिन अपना फैसला खुद करना है।
हमे सभी का भलाई करना चाहिए, क्योंकि इससे मेरी भी भलाई होगी।
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