धन से देवालय खरीदा जा सकता है निर्मलता नहीं । धन से आज्ञाकारी सेवक खरीदा जा सकता है सम्मान नहीं ।
धन से विषय-सुख खरीदा जा सकता है प्यार नहीं। धन से आदमी खरीदे जा सकते हैं विश्वास नहीं ।
धन से वस्तुएं खरीदी जा सकता है शान्ति नहीं । धन से सामाजिक स्थिति खरीदी जा सकती है कुलीनता नहीं।
धन से मान्यता खरीदी जा सकती है प्रतिष्ठा नहीं। धन से पदवी खरीदी जा सकती है महानता नहीं ।
धन से सेवा खरीदी जा सकती है स्वामिभक्ति नहीं । धन से शक्ति खरीदी जा सकती है प्रभाव नहीं ।