World History Notes in Hindi
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यूरोप में धर्म सुधार आंदोलन
* पुनर्जागरण काल के बाद यूरोप में धर्म सुधार आंदोलन आरंभ हुआ.
* यूरोप में लोग रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म को मानते थे.
* लेकिन पादरियों की अनैतिकता के कारण इस धर्म के प्रति लोगों का विश्वास कम हो रहा था.
* लोग इस धर्म में सुधार करना चाह रहे थे.
* इसी बीच क्षमा पत्रों की बिक्री को लेकर लोगों में चर्च के प्रति असंतोष उत्पन्न हो गया.
* इसके परिणाम स्वरूप जर्मनी के मार्टिन लूथर 1483 ई. से 1546 ई. तक ने यूरोप में एक धर्म सुधार आंदोलन चलाया.
* बाइबल के अनुवादक मार्टिन लूथर ने प्रोस्टेट ईसाई धर्म की स्थापना की.
* प्रोस्टेट इसाई धर्म एक सरल धर्म था इसमें पादरियों एवं पोपो को अधिक महत्व नहीं दिया गया था.
* 16वीं शताब्दी में यूरोप के कई देशो ने प्रोस्टेट धर्म अपना लिया.
* स्विट्जरलैंड में प्रोस्टेट धर्म को कालवीन एवं जीगविली ने आगे बढ़ाया.
* स्विट्जरलैंड के प्रोस्टेट धर्म को काल्विन बाद कहा जाता है.
* 16वीं शताब्दी में कैथोलिको एवं प्रोस्टेटो में जबरदस्त संघर्ष हुआ.
* बाद में कैथोलिकों ने महसूस किया उनके धर्म में कुछ सुधार होना चाहिए.
* कैथोलिक धर्म में सुधार के लिए जो आंदोलन चलाया उसे प्रति धर्म सुधार आंदोलन कहा जाता है.
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