World History Notes in Hindi

World History Notes in Hindi

                   World History Notes in Hindi

                                  चीनी क्रांति 

* 19वीं शताब्दी में चीन आर्थिक रूप से एक पिछड़ा हुआ देश था.

* चीन को एशिया का मरीज कहा जाता था.

* ब्रिटेन ने चीन से व्यापार करने का कई प्रयास किया, किंतु असफल रहा.

* इसी दौरान ब्रिटेन ने चीनी नौजवानों को अफीम की लत लगाने का प्रयास किया.

* इस तरह ब्रिटेन धीरे-धीरे चीन से अफीम का व्यापार करने लगा.

* इससे क्रोध होकर चीन की सरकार ने कैण्टन द्वीप पर ब्रिटिश जहाज से सैनिकों से समुद्र में अफीम फेकवा दिया.

* इसके कारण 1839 ई. में ब्रिटेन ने चीन पर आक्रमण कर दिया एवं चीन को बुरी तरह पराजित कर दिया.

* ब्रिटेन एवं चीन के बीच हुए इस युद्ध को प्रथम अफीम युद्ध के नाम से जाना जाता है.

* 1856 ई. में एक बार फिर से पश्चिमी देशों ने अपने व्यापार के विस्तार के लिए चीन पर आक्रमण कर दिया.

* इस युद्ध को द्वितीय अफीम युद्ध के नाम से जाना जाता है.

* द्वितीय अफीम युद्ध में भी चीन की पराजय हुई.

* द्वितीय अफीम युद्ध के बाद ब्रिटेन,फ्रांस,संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस एवं जापान आदि देशों ने चीन का भरपूर शोषण प्रारंभ किया.

* इन लोगों ने चीन के विभिन्न क्षेत्रों को मनमाने ढंग से आपस में बांट लिया. 

* इस घटना को चीनी तरबूजे का बंटवारा कहा जाता है.

* परंतु चीन की जनता में विदेशी शोषण के प्रति असंतोष बढ़ता गया.

* चीनी नौजवानों ने विदेशियों को देश से बाहर निकालने के लिए 1894 ई. से 1900 ई. के बीच बॉक्सर विद्रोह किया.

* इन लोगों ने विदेशियों के रेल, तार, ईसाई मिशनरियों एवं चर्च पर जबरदस्त आक्रमण किया.

* लेकिन बॉक्सर विद्रोह को दबा दिया गया.

* 1911 ई. में चीनी क्रांति का नेतृत्व डॉक्टर सन्यातसेन ने किया.

* इनके नेतृत्व में चीन में जबरदस्त राष्ट्रीय आंदोलन छिड़ गया.

* 1912 ई. में चीन के राजतंत्र मंचू वंश का पतन हो गया.

* डॉ. सनयातसेन चीन के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए.

* डॉ. सनयातसेन को चीन का राष्ट्रपिता कहा जाता है.

* डॉ. सनयातसेन ने कुओमितांग पार्टी का गठन किया था.

* चीन में धीरे-धीरे कम्युनिस्टों का भी प्रभाव बढ़ रहा था.

* 1925 ई. तक कम्युनिस्ट पार्टी एवं कुओमितांग पार्टी दोनों ने मिलकर  शासन संचालन किया.

* किन्तु 1925 ई. में डॉ. सनयातसेन की मृत्यु के बाद कुओमितांग पार्टी का नेतृत्व च्यांगकाईशेक के हाथों में आ गया.

* च्यांगकाईशेक चीन के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने.

* इनके समय में कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष माओत्सेतुंग से मतभेद हो गया.

* माओत्सेतुंग ने च्यांगकाईशेक के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया.

* 1 अक्टूबर 1949 ई. को माओत्सेतुंग के नेतृत्व में साम्यवादीयो या कम्युनिस्टों ने चीन पर अधिकार कर लिया.

* 1 अक्टूबर 1949 ई. को ही चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना की गई एवं माओत्सेतुंग चीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने.

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