आप भी अपने दैनिक अनुभवों को डायरी में लिखिए।
आप भी अपने दैनिक अनुभवों को डायरी में लिखिए।
प्रश्न. आप भी अपने दैनिक अनुभवों को डायरी में लिखिए।
उत्तर –
यहाँ एक दिन का अनुभव और डायरी का नमूना दिया जा रहा है। अन्य दिनों की डायरी विद्यार्थी स्वयं लिखें।
दिनांक …………….
आज कॉलेज में मेरा पहला दिन था। कॉलेज में होने वाली रैगिंग से घबराते हुए तथा अनजाने भय से काँपते हुए मैं कॉलेज पहुँची। कॉलेज के प्रवेश द्वार पर लड़के-लड़कियों की भीड़ से होकर अपनी कक्षा में पहुँची, तो देखा कि कमरा खाली है। पीछे बरामदे में खड़ी हुई लड़कियों ने मुझे बुलाया और मेरा नाम आदि पूछा। धीरे-धीरे हिम्मत करके मैं उनके सभी प्रश्नों के उत्तर देती गई, तो वे ठहाका मार कर हँस पड़ीं। मैं उन्हें सीनियर समझ कर डर रही थी, पर वे तो मेरी ही कक्षा की छात्राएँ थीं। फिर तो मैं भी उनमें मिल गई और कॉलेज का पहला दिन कैंटीन में व्यतीत किया।
दिनांक ……………..
आज सुबह पापा ने जल्दी से मुझे उठाया और कहा, “बाहर देखो! बारिश हो रही है; ओले गिर रहे हैं। बहुत ठंड पड़ रही है।” मैं जल्दी से उठा और पापा से कहा, “दीदी को भी उठाओ।” फिर हमने देखा कि हमारे घर के सामने वाले मैदान में हरी-हरी घास पर सफ़ेद-सफ़ेद ओले गिर रहे थे। ऐसा लग रहा था, जैसे किसी ने चमेली के फूल गिरा रखे हैं। बहुत अच्छा लग रहा था। ओले पड़ रहे थे; बारिश हो रही थी; चिड़िया दुबक रही थी; कौए परेशान थे; पेड़ काँप रहे थे; बिजली चमक रही थी; बादल डरा रहे थे।
एक चिड़िया हमारी खिड़की पर डरी हुई बहुत देर तक बैठी रही। फिर उड़ गई। अभी तक कोई बच्चा खेलने नहीं निकला। इसलिए मैं आज जल्दी डायरी लिख रहा हूँ। सुबह के दस बजे हैं। मैं अपना सीरियल देखने जा रहा हूँ। आज मेरा न्यू इंक पेन और पेंसिल बॉक्स आया। आज दोपहर को धूप निकलेगी, तो हम खेलने निकलेगी। आजकल हम लोग मिट्टी के गोले बना कर सुखा देते हैं, फिर हम उनके ऊपर पेंटिंग करते हैं; उसके बाद फिर उनसे खेलते हैं।
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