‘गृह-सुख के नाश’ से लेखक का क्या तात्पर्य है?
‘गृह-सुख के नाश’ से लेखक का क्या तात्पर्य है?
प्रश्न. ‘गृह-सुख के नाश’ से लेखक का क्या तात्पर्य है?
उत्तर- ‘गृह-सुख के नाश’ से लेखक का आशय है-‘घर के काम-काज में रुचि न लेना, परिवार की देखभाल न करना, किसी का आदर-सम्मान न करना, सबको अपने से हीन समझना, हर बात में अपनी टाँग अड़ाना तथा किसी की बात न सुनना’। इससे सारे घर की शांति भंग हो जाती है तथा गृह-सुख का नाश हो जाता है।
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