‘तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला, प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ’–का भाव स्पष्ट कीजिए।
‘तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला, प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ’–का भाव स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न. ‘तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला, प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ’–का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- इस पंक्ति के अनुसार ऊँचे स्वर में गाते समय गायक का गला बैठने लगता है। जिस प्रेरणा से वह गा रहा है, वह क्षीण पड़ने लगती है और उसका उत्साह कम होने लगता है।
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