भारतीय इतिहास के परिप्रेक्ष्य में संगतकार का महत्व प्रतिपादित कीजिए। अथवा ‘संगतकार’ की भूमिका क्या होती है? टिप्पणी कीजिए।
भारतीय इतिहास के परिप्रेक्ष्य में संगतकार का महत्व प्रतिपादित कीजिए।
अथवा
‘संगतकार’ की भूमिका क्या होती है? टिप्पणी कीजिए।
प्रश्न. भारतीय इतिहास के परिप्रेक्ष्य में संगतकार का महत्व प्रतिपादित कीजिए।
अथवा ‘संगतकार’ की भूमिका क्या होती है? टिप्पणी कीजिए।
उत्तर- भारतीय इतिहास में संगतकार का सदा से विशिष्ट योगदान रहा है। राजा-महाराजाओं के युग में सैनिकों की सहायता से युद्ध लड़े जाते थे। हार या जीत से कोई गुलाम बन जाता था, तो कोई सम्राट बन जाता था। सैनिकों को इतिहास में कोई जानता तक नहीं, पर राजसत्ता में परिवर्तन का आधार वही बनते थे। कर वसूल करने वाले का नाम-पता तक ज्ञात नहीं होता, पर शासक और उच्चाधिकारियों के नाम को ऊँचा उठा दिया जाता है या नीचे गिरा दिया जाता है। राजतंत्र के मुखिया स्वयं बहुत कम काम करते थे, अधिकांश काम उनके संगतकार ही करते थे पर नाम शासक का ही होता था।
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