भाव स्पष्ट कीजिए – और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है उसे विफलता नहीं उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
प्रश्न. भाव स्पष्ट कीजिए –
और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
उत्तर- संगतकार मुख्य गायक का साथ देने के लिए गाता है। वह अस्पष्ट रूप से उसे यह बताना चाहता है कि जो राग पहले गाया जा चुका है, उसे फिर से गाया जा सकता है, पर उसकी आवाज़ में एक हिचक साफ़ सुनाई देती है। वह अपने स्वर को ऊँचा उठाने की कोशिश नहीं करता। इसे उसकी विफलता नहीं, बल्कि उसकी मनुष्यता समझना चाहिए क्योंकि वह किसी भी अवस्था में मुख्य गायक के अहं को ठेस नहीं लगने देना चाहता। वह उसका शिष्य है। उसका बड़प्पन इसी बात में है कि वह मुख्य गायक के मान-सम्मान की रक्षा करे।
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