‘यह कौन संन्यासी करता है?’ इस कथन से लेखक का क्या आशय है?

‘यह कौन संन्यासी करता है?’ इस कथन से लेखक का क्या आशय है?

प्रश्न. ‘यह कौन संन्यासी करता है?’ इस कथन से लेखक का क्या आशय है?

उत्तर- लेखक बताता है कि फ़ादर बुल्के जब कभी दिल्ली आते थे, तो वे अपने व्यस्त कार्यक्रम में से समय निकालकर उससे मिलने अवश्य आते थे। इस प्रकार मिलने में चाहे उन्हें गरमी अथवा सरदी का सामना करना पड़ता, वे इसकी भी चिंता नहीं करते थे। उनकी इसी स्वभावगत विशेषता के कारण लेखक को कहना पड़ा कि मिलने के लिए ऐसा प्रयास कोई भी संन्यासी नहीं करता है।

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