लेखक ने अपनी बात सिद्ध करने के लिए कौन-कौन सी प्रसिद्ध विदुषी स्त्री का वर्णन किया है?
लेखक ने अपनी बात सिद्ध करने के लिए कौन-कौन सी प्रसिद्ध विदुषी स्त्री का वर्णन किया है?
प्रश्न. लेखक ने अपनी बात सिद्ध करने के लिए कौन-कौन सी प्रसिद्ध विदुषी स्त्री का वर्णन किया है?
उत्तर : लेखक ने स्त्री-शिक्षा विरोधियों की व्यर्थ दलीलों को निराधार सिद्ध करते हुए लिखा है कि प्राचीन समय में भी स्त्रियों को पढ़ाया लिखाया जाता था। यह बात सही है कि उनके लिए अलग से विश्वविद्यालय नहीं थे, परंतु यह कहना सही नहीं है कि प्राचीन समय में स्त्रियों को शिक्षित नहीं किया जाता था। वेदों को हिंदू ईश्वर-कृत रचना मानते हैं; ईश्वर ने भी वेदों की रचना और दर्शन का निर्माण स्त्रियों से करवाया है। शीला और विज्जा जैसी विदुषी स्त्रियों को बड़े-बड़े पुरुष-कवियों ने सम्मानित किया था।
उनकी कविता के नमूने शाग्र्धर-पद्धति में देखे जा सकते हैं। अत्रि की पत्नी पत्नी-धर्म पर कई घंटे लगातार उपदेश दे सकती थी। गार्गी ने बड़े-बड़े वेद पढ़नेपढ़ाने वालों को अपने पांडित्य से हरा दिया था। मंडन मिश्र की पत्नी ने शंकराचार्य को अपने ज्ञान से पराजित कर दिया था। बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के अंतर्गत थेरीगाथा में स्त्रियों द्वारा रचित सैकड़ों पद्य-रचनाएँ हैं। इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि प्राचीन समय में स्त्रियों को शिक्षित करने का नियम नहीं था, अपितु उस समय स्त्रियों को पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त थे।
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