अगर आपको कई चुनौती इन खानों में फिट बैठती नहीं लगतीं तो आप नयी श्रेणियाँ बनाकर उनमें इन मुद्दों को रख सकते हैं।

अगर आपको कई चुनौती इन खानों में फिट बैठती नहीं लगतीं तो आप नयी श्रेणियाँ बनाकर उनमें इन मुद्दों को रख सकते हैं।

अब, जबकि आपने इन सभी चुनौतियों को लिख डाला है तो आइए बड़ी श्रेणियों में डालें। नीचे लोकतांत्रिक राजनीति के कुछ दायरों को खानों में रखा गया है। पिछले खंड में एक या एक से अधिक देशों में आपने कुछ चुनौतियाँ लक्ष्य की थीं। कुछ कार्टून में भी आपने इन्हें देखा। आप चाहें तो नीचे दिए गए खानों के सामने मेल का ध्यान रखते हुए इन चुनौतियों को लिख सकते हैं। इनके अलावा भारत से भी इन खानों में दिए जाने वाले एक-एक उदाहरण दर्ज करें। 

उत्तर: 1. संवैधानिक बनावट:

चिली: संविधान सभा की स्थापना।
घाना: नए संविधान बनाने की आवश्यकता।
म्यांमार: लोकतांत्रिक युग की स्थापना एवं नए संविधान का निर्माण।
इराक: संदर्भित संवैधानिक प्रावधान बनाकर जातीय समूहों को एक समान आधार पर रखना।
सऊदी अरब: नागरिकों की समानता।
श्रीलंका: किसी विशेष भाषा को संवैधानिक संरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए।
दक्षिणी अफ्रीका: कानून के समक्ष समानता का अधिकार संरक्षित करने के प्रावधान।
भारत: समान पारिवारिक कानून के प्रावधान।

2. लोकतांत्रिक अधिकार:
चिली: सभी नेताओं को निर्वासन से वापस बुलाना।
म्यांमार: सू की रिहाई-लोकतांत्रिक शासन की स्थापना।
बोलिविया: जलापूर्ति की समस्या का हल ढूँढ़ना।
चीन: लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना।
अमरीका, गुआंतानामो खाड़ी: प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे का प्रबंध।
भारत: विधायी निकायों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण।

3. संस्थाओं का कामकाज:
चिली: सभी सरकारी संस्थानों पर नागरिक नियंत्रण स्थापित करना।
घाना: एक प्रभावी प्रशासनिक एवं न्यायिक व्यवस्था की स्थापना।
नई नीतियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन।
सऊदी

अरब: लोगों को लोकतांत्रिक मूल्यों तथा समान नागरिक अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना।
भारत: कैद के दौरान होने वाली मृत्यु पर रोक लगाना।

4. चुनाव:
चिली: पहले बहुदलीय चुनावों का आयोजन।
पोलैंड: सभी प्रमुख दलों को साथ लेकर आम चुनावों का आयोजन।
स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों को सुनिश्चित करना।
मैक्सिको: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों का आयोजन।
म्यांमार: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों का आयोजन।
पाकिस्तान: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों का आयोजन।
इराक: बहुदलीय, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों का आयोजन।
यूगोस्लाविया: आम चुनावों का आयोजन।
आयरलैंड: स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों का आयोजन करना।
भारत: चुनावी धाँधली रोकने के उपाय करना।

5. संघवाद विकेन्द्रीकरण:
घाना: सम्पूर्ण देश में प्रभावी प्रशासनिक एवं न्यायिक व्यवस्था की स्थापना।
चीन: राज्यों के मध्य सत्ता का विकेन्द्रीकरण।
भारत: स्थानीय स्वशासन की और अधिक स्वायत्तता एवं वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराना।

6. विविधता को समेटना:
यूगोस्लाविया: जातीय समूहों के मध्य वार्ता विश्वास बढ़ाने वाले उपायों का विकास।
सऊदी अरब: नागरिकों की समानता के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना।
नेपाल: तराई क्षेत्र में हिंसक आन्दोलन पर रोक लगाना।
भारत: विशेष पिछड़े वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण के मुद्दे को सुलझाना।

7. राजनीतिक संगठन:
म्यांमार: राजनीतिक दलों के गठन द्वारा लोकतंत्र की स्थापना।
चीन: लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना तथा सत्ता का विकेन्द्रीकरण।
सऊदी अरब: जनता में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूकता पैदा करना।
नेपाल: संविधान, सभा का गठन। अन्तर्राष्ट्रीय संगठन-संयुक्त राष्ट्र संघ के अंदर तथा बाहर अमेरिका पर दबाव डालना।
भारत: राजनेताओं द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की निगरानी के लिए एक स्वायत्त निकाय की स्थापना।

8. कोई अन्य श्रेणी – (विवादों पर वार्ता):
इराक: जातीय समूहों के बीच वार्ता ।
दक्षिण अफ्रीका: राजनीतिक दलों के बीच वार्ता।
यूगोस्लाविया: जातीय समूहों के बीच वार्ता।
श्रीलंका: सरकार तथा लिट्टे के बीच वार्ता।
बेल्जियम: भाषायी समूहों के बीच वार्ता।
बोलिविया: भाषायी समूहों के बीच वार्ता।
भारत: दिल्ली तथा राजस्थान सरकार के बीच परिवहन विवाद पर वार्ता।
पोलैड: सैन्य कानून को वापस लेना।

9. कोई अन्य श्रेणी (शांति स्थापना संबंधी उपाय):
श्रीलंका: हिंसक संघर्षों को रोकना।
यूगोस्लाविया: शांति स्थापना संबंधी कदम उठाना।
आयरलैंड: विश्वास बढ़ाने वाले उपायों का विकास करना।
भारत: उत्तर-पूर्वी राज्यों में चरमपंथी आन्दोलनों को रोकना।

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