असंगठित और संगठित क्षेत्रक के बीच आप विभेद कैसे करेंगे ? अपने शब्दों में व्याख्या करें।
असंगठित और संगठित क्षेत्रक के बीच आप विभेद कैसे करेंगे ? अपने शब्दों में व्याख्या करें।
अथवा
असंगठित एवं संगठित क्षेत्रक में अन्तर स्पष्ट करें।
अथवा
संगठित और असंगठित क्षेत्र की सेवा शर्तों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: असंगठित और संगठित क्षेत्रक के बीच निम्नलिखित भेद हैं
अंतर का आधार | असंगठित क्षेत्रक | संगठित क्षेत्रक |
1. अर्थ | असंगठित क्षेत्रक से आशय उन छोटी-मोटी और बिखरी इकाइयों से है, जो अधिकांशत: राजकीय नियन्त्रण से बाहर होती हैं। | संगठित क्षेत्रक से तात्पर्य उस उद्यम या कार्य के स्थान से है, जहाँ रोजगार की अवधि नियमित होती है। |
2. नियम और विनियम | इस क्षेत्रंक के नियम और विनियम होते है लेकिन उनका पालन नहीं किया जाता। | इस क्षेत्रक में सरकारी नियमों व विनियमों व पालन करना होता है। |
3. रोजगार की शर्ते | इस क्षेत्रंक के नियम और विनियम होते है लेकिन उनका पालन नहीं किया जाता। | वेतन श्रमिक दैनिक मजदूरी प्राप्त करते हैं। |
4. कार्य की प्रकृति | रोजगार की शर्ते अनियमित होती हैं। | रोजगार की शर्ते नियमित होती हैं। |
5. वेतन | इसमें कार्य अनियमित होता है एवं श्रमिक को बिना किसी कारण किसी भी समय काम छोड़ने को कहा जा सकता है। | इसमें कार्य नियमित होता है एवं श्रमिक को बिना किसी कारण काम से नहीं निकाला जा सकता है। |
6. कार्य अवधि | श्रमिक दैनिक मजदूरी प्राप्त करते है। | कर्मचारी व श्रमिक नियमित रूप से मासिक वेतन प्राप्त करते हैं। |
7. अन्य परिलाभ | यहाँ काम के घंटे निश्चित नहीं होते हैं। साथ ही काम के अतिरिक्त घंटों के लिए भगतान की कोई व्यवस्था नहीं है। | लोग निश्चित घंटे ही काम करते हैं। यदि वे अधिक घंटे काम करते हैं तो इसके लिए नियोक्ता द्वारा अतिरिक्त भुगतान किया जाता है। |
8. कार्य स्थितियाँ | दैनिक मजदूरी के अतिरिक्त अन्य किसी लाभ का कोई प्रावधान नहीं है। | वेतन के अतिरिक्त कर्मचारी अन्य लाभ भी प्राप्त करते हैं; जैसे-भविष्य निधि, ‘चिकित्सकीय भत्ते, छुट्टी का भुगतान, पेंशन आदि। |
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here