इस अध्याय में दी गई भारत माता की छवि और अध्याय 1 में दी गई जर्मेनिया की छवि की तुलना कीजिए।

इस अध्याय में दी गई भारत माता की छवि और अध्याय 1 में दी गई जर्मेनिया की छवि की तुलना कीजिए।

उत्तर: इस अध्याय में दी भारत में राष्ट्रवाद 33 इन माँगों में सबसे महत्वपूर्ण माँग नमक कर को समाप्त करने से सम्बन्धित थी। नमक का उपयोग धनिक-निर्धन सभी वर्ग के लोग करते हैं। यह हमारे भोजन का एक अभिन्न हिस्सा है। अत: नमक पर कर एवं उसके उत्पादन पर राजकीय अंकुश को महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश शासन का सबसे दमनकारी पहलू बताया था। गाँधीजी ने अपने इस पत्र के माध्यम से अंग्रेज सरकार को यह चेतावनी दी थी कि यदि 11 मार्च तक उनकी माँग पूरी नहीं हुई तो कांग्रेस सविनय अवज्ञा आन्दोलन को शुरू कर देगी।

इरविन द्वारा उनके प्रस्तावों को ठुकरा दिया गया तब गाँधीजी ने अपने 78 सहयोगियों के साथ नमक-यात्रा प्रारम्भ कर दी। यह यात्रा साबरमती में गाँधीजी के आश्रम से प्रारंभ होकर 240 किमी. दूर दांडी नामक स्थान पर 6 अप्रैल 1930 को समाप्त हुई। गाँधीजी ने दांडी पहुँचकर समुद्र के पानी को उबालकर नमक बनाना प्रारम्भ कर दिया। यह कानून का उल्लंघन था। इस तरह गाँधी ने औपनिवेशिक ब्रिटिश सरकार के कानून की शान्तिपूर्ण तरीके से अवज्ञा की। इस तरह कहा जा सकता है कि गाँधीजी की नमक यात्रा उपनिवेशवाद के खिलाफ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक थी।

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