उदारवादियों की 1848 की क्रान्ति का क्या अर्थ लगाया जाता है ? उदारवादियों ने किन राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विचारों को बढ़ावा दिया ?
उदारवादियों की 1848 की क्रान्ति का क्या अर्थ लगाया जाता है ? उदारवादियों ने किन राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विचारों को बढ़ावा दिया ?
अथवा
उदारवाद क्या है ? उदारवादियों की 1848 की क्रान्ति ने विश्व में किन विचारों को बढ़ावा दिया ?
अथवा
19वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में आर्थिक क्षेत्र में ‘उदारवाद’ की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: उदारवाद से आशय-उदारवाद यानि Liberalism शब्द लैटिन भाषा के मूल liber पर आधारित है जिसका अर्थ है। ‘आजाद’। यूरोप में 19वीं शताब्दी में मध्य वर्ग के लोगों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा प्रोत्साहित वह विचारधारा, जिसमें उनको राजनीतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में अधिकाधिक अवसर प्राप्त हुए तथा उनकी हिस्सेदारी को महत्व प्रदान किया गया, उदारवाद कहलाया।
उदारवादियों की 1848 की क्रान्ति का अर्थ था-राजतंत्र का अन्त तथा गणतंत्र की स्थापना। वे स्वतन्त्र राष्ट्र-राज्य की स्थापना करना चाहते थे जहाँ क्रान्ति की स्वतन्त्रता एवं सभी लोगों के लिए समान कानून तथा स्वतन्त्रता हो। उदारवादियों ने निम्नलिखित राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विचारों को बढ़ावा दिया
- सन् 1848 में खाद्य सामग्री का अभाव एवं बेरोजगारी की बढ़ती हुई समस्या के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका था। इस संकट के समाधान के लिए उदारवादियों के द्वारा क्रान्ति एवं प्रदर्शन पर बल दिया गया।
- सार्वजनिक मताधिकार पर आधारित जनप्रतिनिधि सभाओं (नेशनल एसेम्बली) के निर्माण की माँग बढ़ने लगी।
- जर्मनी, इटली, पोलैण्ड, ऑस्ट्रिया व हंगरी आदि के उदारवादी मध्यम वर्ग के स्त्री-पुरुषों ने संविधानवाद की माँग को राष्ट्रीय एकीकरण की माँग से जोड़ दिया।
- उदारवादियों ने जनता के असन्तोष का लाभ उठाया तथा एक राष्ट्र राज्य के निर्माण की माँगों को आगे बढ़ाया। यह राष्ट्र राज्य संविधान, प्रेस की स्वतन्त्रता एवं संगठन बनाने की स्वतन्त्रता जैसे संसदीय सिद्धान्तों पर आधारित था।
- भू-दासत्व एवं बँधुआ मजदूरी को समाप्त करने की माँग उदारवादी नेताओं द्वारा की जाने लगी।
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