उन्नीसवीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाप हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता क्यों देते थे ?

उन्नीसवीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाप हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता क्यों देते थे ?

उत्तर: उन्नीसवीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति निम्नलिखित कारणों से मशीनों की बजाय हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता देते थे-

1. विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में मानव श्रम की कोई कमी नहीं थी। इसलिए कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाय हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता देते थे।

2. कुछ उद्योगपति बड़ी-बड़ी मशीनों पर बहुत अधिक खर्च करने से हिचकिचाते थे क्योंकि मशीनें लगाने से यह जरूरी नहीं था कि उनको ऐसा करने से लाभ ही हो।

3. बहुत से उद्योगों में श्रमिकों की माँग मौसमी आधार पर घटती-बढ़ती रहती थी, जैसे-गैसघरों, शराबखानों, बुक बाइंडरों, प्रिंटरों, बन्दरगाहों में जहाजों की मरम्मत, साफ-सफाई व सजावट के काम में आदि। ऐसे उद्योगों में उद्योगपति मशीनों की बजाय मजदूरों को ही काम पर रखना पसन्द करते थे।

4. बाजार में अक्सर बारीक डिजाइन एवं विशेष आकार वाली वस्तुओं की बहुत अधिक माँग रहती थी। इन्हें बनाने के लिए मशीनी तकनीक की बजाय मानवीय निपुणता की आवश्यकता पड़ती थी।

5. अनेक वस्तुएँ केवल हाथ से ही बनायी जा सकती थीं। मशीनों से एक जैसे निश्चित किस्म की वस्तुएँ नहीं बनायी जा सकती थीं।

6. विक्टोरियाकाल में ब्रिटेन के उच्च वर्ग के लोग कुलीन और पूँजीपति वर्ग हाथों से निर्मित वस्तुओं को अधिक महत्त्व देते थे। हस्तनिर्मित वस्तुओं को परिवार और सुरुचि का प्रतीक माना जाता था। उनकी फिनिशिंग अच्छी होती थी। उनको एक-एक करके बनाया जाता था। अतः सबका डिजाइन अलग-अलग और अधिक अच्छा होता था।

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