किशन जी अब इस दुनिया में नहीं हैं। इन चारों कार्यकर्ताओं के बारे में आपकी क्या राय है?

किशन जी अब इस दुनिया में नहीं हैं। इन चारों कार्यकर्ताओं के बारे में आपकी क्या राय है?

क्या उन्हें नया राजनीतिक दल बनाना चाहिए? क्या कोई राजनीतिक दल राजनीति में नैतिक बल बन सकता है? यह दल कैसा होना चाहिए?
उत्तर: किशन जी के न होने पर इन कार्यकर्ताओं को नया राजनीतिक दल बनाना चाहिए। प्रारम्भ में कुछ समय लग जायेगा, इन्हें अपनी पहचान बनाने में, लेकिन इस मुद्दे और नैतिक बल के होने पर लोग धीरे-धीरे उन पर विश्वास करने लगेंगे, लोगों का साथ उन्हें प्राप्त होने लगेगा, तब वे जनता की भलाई के लिए कुछ कर सकते हैं। कोई भी राजनीतिक दल अपने किए गए वादों को पूरा करके नैतिक बल प्राप्त कर सकता है।

वादों को पूरा करने पर लोगों का विश्वास उस राजनीतिक दल पर बढ़ेगा और उस दल को लोगों का समर्थन प्राप्त होगा। इस दल को लोगों की वर्तमान समस्याओं पर अधिक ध्यान देना चाहिए। कार्यकर्ताओं का चयन ऐसे व्यक्तियों के रूप में हो जो समाज की सेवा के उद्देश्य से पार्टी से जुड़े हैं। लोगों की छोटी से छोटी समस्या पर ध्यान देकर उन्हें दूर करने का प्रयत्न करें। चुनाव में पर्याप्त सीट न होने पर विपक्ष में शामिल होकर लोगों की सेवा करके अपनी पार्टी की छवि को और स्वच्छ तथा मजबूत करना चाहिए।

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