धारणीयता का विषय विकास के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?

धारणीयता का विषय विकास के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?

                                  अथवा
विकास के लिए धारणीयता (सतत् पोषणीय) महत्त्वपूर्ण क्यों है? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
धारणीयता का मुद्दा विकास के लिए किस प्रकार महत्त्वपूर्ण है? उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए।
अथवा
आर्थिक वृद्धि के लिए सतत् पोषणीय विकास अति आवश्यक क्यों है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: धारणीयता से आशय है कि हमने विकास का जो स्तर प्राप्त कर लिया है, वह भावी-पीढ़ी के लिए भी बना रहे। यदि विकास मनुष्य को क्षति पहुँचाता है तो इसके दुष्परिणाम भावी-पीढ़ी को भुगतने होंगे। धारणीयता का विषय विकास के लिए महत्त्वपूर्ण है, इसके निम्नलिखित कारण हैं-

1. विश्व स्तर पर हो रहे तीव्र आर्थिक विकास एवं औद्योगीकरण से प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन हुआ है। इस अत्यधिक दोहन के कारण सीमित प्राकृतिक संसाधन समाप्त होते जा रहे हैं। उदाहरणस्वरूप, खनिज तेल सीमित है। यदि यह सीमित संसाधन पूर्णतः समाप्त हो जाते हैं तो भविष्य में सभी देशों का विकास खतरे में पड़ जायेगा।

2. यद्यपि खनिज तेल एवं विभिन्न खनिज पदार्थ किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक हैं। परन्तु, इनका प्रयोग पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाता है। ये धरती पर प्रदूषण का कारण बनते हैं एवं भविष्य में सन्तुलन को बाधित करते हैं।

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