निम्नलिखित के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखें.

निम्नलिखित के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखें.

(क) कॉर्न लॉ के समाप्त करने के बारे में ब्रिटिश सरकार का फैसला। .
                                          अथवा
‘कार्न लॉ’ के निरस्त होने के किन्हीं पाँच प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
(ख) अफ्रीका में रिंडरपेस्ट का आना।
(ग) विश्वयुद्ध के कारण यूरोप में कामकाजी उम्र के पुरुषों की मौत।
                                         अथवा
विश्वयुद्ध के कारण यूरोप में कामकाजी उम्र के पुरुषों की मौत की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
(घ) भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामन्दी का प्रभाव।
(ङ) बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा अपने उत्पादन को एशियाई देशों में स्थानान्तरित करने का फैसला।
उत्तर:
(क)

  1. ब्रिटेन की सरकार द्वारा कॉर्न लॉ समाप्त करने के पश्चात् बहुत ही कम मूल्य पर खाद्य पदार्थों का आयात किया जाने लगा।
  2. आयात किये जाने वाले खाद्य पदार्थों की लागत ब्रिटेन में पैदा होने वाले खाद्य पदार्थों से भी कम थी।
  3. फलस्वरूप ब्रिटेन के किसानों की हालत बिगड़ने लगी क्योंकि वे आयातित माल की कीमत का मुकाबला नहीं कर सकते थे।
  4. विशाल भूभागों पर कृषि कार्य बन्द हो गया। हजारों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गये।
  5. गाँवों से निकलकर वे या तो शहरों अथवा अन्य देशों की ओर पलायन करने लगे।

(ख)

रिंडरपेस्ट का रोग एशियाई मवेशियों से अफ्रीकी मवेशियों में फैला। मवेशियों में प्लेग की तरह फैलने वाली इस बीमारी ने लोगों की आजीविका व अर्थव्यवस्था पर बहुत अधिक प्रभाव डाला। इस बीमारी से हजारों की संख्या में मवेशी मर गये। इसने अफ्रीकी अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया जो मवेशियों व जमीन पर आधारित थी। इससे बेरोजगारी में वृद्धि हुई तो अफ्रीकी लोगों को यूरोपीय बागानों एवं खानों में काम करने के लिए बाध्य किया गया।

(ग)

प्रथम विश्वयुद्ध में यूरोप की ओर से लड़ने वाले अधिकांश लोग कामकाजी उम्र के थे। युद्ध में इनकी मृत्यु अधि । क मात्रा में हुई तथा ये घायल भी अधिक हुए। इस विनाश के कारण यूरोप में कामकाज़ के लायक लोगों की संख्या बहुत कम रह गयी। परिवार के सदस्यों की संख्या घट जाने के कारण युद्ध के पश्चात् परिवारों की आमदनी भी कम हो गयी।

(घ)

भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामन्दी का बहुत अधिक प्रभाव पड़ा। महामन्दी के दौरान देश का आयात घटकर आधा रह गया। भारत में कृषि उत्पादनों के मूल्यों में भारी में गिरावट आयी। इसके बावजूद सरकार ने लगान वसूली में छूट नहीं दी। विश्व बाजार के लिए खेती करने वाले किसानों को सर्वाधिक हानि उठानी पड़ी। शहरों में निश्चित आय वाले लोगों पर इस महामन्दी का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। इस महामन्दी से शहरी लोगों की बजाय किसानों एवं काश्तकारों को बहुत अधिक नुकसान हुआ।

(ङ)

1970 ई. के दशक के बीच बेरोजगारी बढ़ने लगी। इस समय बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने एशिया के ऐसे देशों में उत्पादन केन्द्रित किया जहाँ वेतन कम दिया जाता था। चीन में वेतन अन्य देशों की तुलना में कम था। विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने यहाँ पर्याप्त धन का निवेश किया। इसका प्रभाव चीनी अर्थव्यवस्था पर दिखाई दिया है।

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