निम्नलिखित तालिका में तीन क्षेत्रकों का सकल घरेलू उत्पाद (स. घ. उ.) रुपए (करोड़) में दिया गया
निम्नलिखित तालिका में तीन क्षेत्रकों का सकल घरेलू उत्पाद (स. घ. उ.) रुपए (करोड़) में दिया गया
वर्ष | प्राथमिक | द्वितीयक | तृतीयक |
2000 | 52,000 | 48,500 | 1,33,500 |
2013 | 8,00,500. | 10,74,000 | 38,68,000 |
(क) वर्ष 2000 एवं 2013 के लिए स. घ. उ. में तीनों क्षेत्रकों की हिस्सेदारी की गणना कीजिए।
(ख) इन आँकड़ों को अध्याय में दिए आलेख-2 के समान एक दण्ड-आलेख के रूप में प्रदर्शित कीजिए।
(ग) दण्ड-आलेख से हम क्या निष्कर्ष प्राप्त करते हैं?
उत्तर: (क) अग्र तालिका वर्ष 2000 एवं 2013 के लिए स. घ. उ. में तीनों की हिस्सेदारी को दर्शाती है
वर्ष | जी. डी. पी. में प्राथमिक क्षेत्रक की हिस्सेदारी (प्रतिशत में) | जी. डी. पी में द्वितीयक क्षेत्रक की हिस्सेदारी (प्रतिशत में) |
2000 | 22.22 | 20.73 |
2013 | 13.94 | 18.70 |
- वर्ष 2000 में क्षेत्रकों की स. घ. उ. में हिस्सेदारी
तीनों क्षेत्रकों की स. घ. उ. में कुल हिस्सेदारी = (52,000 + 48,500 + 1,33,500)
= 2,34,000
(ग) दण्ड आरेख से हम निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं.
1. सन् 2000 में स. घ. उ. में तृतीयक क्षेत्रक का योगदान सबसे अधिक था, प्राथमिक क्षेत्रक का दूसरा स्थान था जबकि द्वितीयक क्षेत्रक का योगदान सबसे कम था।
2. सन् 2013 में स्थितियों में परिवर्तन हुआ। इस वर्ष स. घ. उ. में तृतीयक क्षेत्रक का योगदान सर्वाधिक था, द्वितीय स्थान द्वितीयक क्षेत्रक का था जबकि प्राथमिक क्षेत्रक का योगदान सबसे कम था। इस प्रकार कहा जा सकता है कि स. घ. उ. में प्राथमिक क्षेत्रक की हिस्सेदारी बहुत कम व द्वितीयक क्षेत्रक की कम हुई है जबकि इसमें तृतीयक क्षेत्रक की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here