प्रतिव्यक्ति आय कम होने पर भी केरल का मानव विकास क्रमांक हरियाणा से ऊँचा है इसलिए प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं है और राज्यों की तुलना के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। क्या आप सहमत हैं? चर्चा कीजिए।
प्रतिव्यक्ति आय कम होने पर भी केरल का मानव विकास क्रमांक हरियाणा से ऊँचा है इसलिए प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं है और राज्यों की तुलना के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। क्या आप सहमत हैं? चर्चा कीजिए।
उत्तर: नहीं, मैं इस कथन से सहमत नहीं हूँ कि प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड नहीं है। प्रतिव्यक्ति आय मानव विकास का सबसे महत्त्वपूर्ण मापदण्ड है, विश्व का कोई भी देश इसकी उपेक्षा नहीं कर सकता। विश्व बैंक विकास के मापदण्ड के रूप में अर्थात् देशों की तुलना के लिए प्रति व्यक्ति आय का प्रयोग करता है परन्तु इस मापदण्ड की कुछ सीमाएँ भी हैं। यह सच है कि प्रतिव्यक्ति आय मानक उपयुक्त मानव विकास नहीं दर्शाता है।
मुद्रा से वे सभी वस्तुएँ व सेवाएँ नहीं खरीदी जा सकी जो अच्छे रहन-सहन के लिए आवश्यक हो सकती हैं। उदाहरणस्वरूप; आपके पास उपलब्ध मुद्रा से आप प्रदूषणरहित वातावरण नहीं खरीद सकते। इसलिए केरल की प्रतिव्यक्ति आय कम होने पर भी उनका मानव विकास हरियाणा से अच्छा है क्योंकि केरल के पास हरियाणा की तुलना में अन्य सुविधाएँ, जैसे-अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ, अधिक साक्षरता आदि र नब्ध हैं। इसके अतिरिक्त हरियाणा की तुलना में केरल में प्राथमिक कक्षाओं में विद्यार्थियों की निक्ल उपस्थिति अनुपात अधिक है।
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